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अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले राममंदिर के लिए पत्थर तराशने के रुके काम पर VHP ने सफाई दी है. VHP का कहना है कि पत्थर तराशी का काम लगातार चलने वाला है. तराशी का काम कुछ निजी कारणों से रुका था. एक हफ्ते में काम दोबारा शुरू हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि सितंबर 1990 से कार्यशाला में लगातार पत्थर तराशी का काम हो रहा है. पहले 150 कारीगर काम कर रहे थे. 1992 में विवादित ढांचा ध्वस्त होंने के बाद भी कार्यशाला में काम नहीं रूका था . तो अब क्या रूकेगा. यह अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. तराशी का काम करने वाले कारीगरों के निजी कारणों से काम रूका हुआ है. लेकिन एक सप्ताह में पुन: शुरू हो जाएगा.
शरद शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में काम रोकने के लिए सरकार की तरफ से कोई दबाव नहीं था. यह निजी कारणों से रोका गया था. इसमें कोई अदालती कार्यवाही का लेना देना नहीं है. अब सप्ताह भर बाद पुन: शुरू कर दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि पत्थर तराशी का काम करने वाले गुजरात व अन्य प्रदेशों के हैं. वह अपने निजी कारणों से वहां गए हैं तभी काम रूक गया है. दो महीने पहले मूर्तिकार की मौत हो गई. तब भी काम रुका हुआ था. इसके बाद दीपावली का पर्व आ गया. सभी लोग छुट्टी पर चले गए.
अब जब विवादित भूमि पर फैसला आने वाला है. कारीगर बढ़ाने की आवश्यकता है. इस पर रामजन्मभूमि न्यास बैठक करके फैसला लेगा. उसके बाद नये कारीगरों की नियुक्ति की जाएगी.
उन्होंने बताया कि एक ही मूर्तिकार कई महीनों से अकेले ही काम कर रहा था. अब फैसले के बाद न्यास की होने वाली बैठक में कारीगरों की संख्या बढ़ाने पर फैसला होगा. गुजरात से सुपरवाइजर आने के बाद काम शुरू हो जाएगा.
बता दें कि इन दिनों अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा से पहले 14 कोसी और पंच कोसी यात्रा की वजह से श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. इस दौरान श्रद्घालु कार्यशाला में पत्थरों को देखने जा रहे हैं. लेकिन वहां पर काम नहीं हो रहा है. इससे कुछ लोग निराश होकर लौट गए. हालांकि कुछ श्रद्घालु कार्यशाला की परिक्रमा कर रहे हैं और तराशे हुए पत्थर को नमन करके चले जा रहे हैं. युवा इन पत्थरों के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं.
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