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जम्मू-कश्मीर में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. आर्टिकल 370 पर केंद्र सरकार के फैसले को देखते हुए राज्य में हिंसा की आशंका बनी हुई है. इसी के मद्देनजर राज्य के संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
सुरक्षाबलों के शीर्ष अधिकारियों ने द क्विंट को बताया है कि बीते 5 अगस्त को कश्मीर में पत्थरबाजी की 10 घटनाएं हुईं. इनमें से नौ घटनाएं श्रीनगर में हुईं और एक घटना अवंतिपुरा इलाके में हुई है.
अधिकारियों ने कहा कि 10 से 20 लोगों ने जमा होकर पत्थरबाजी की. हालांकि, इन घटनाओं में कोई भी सुरक्षाकर्मी चोटिल नहीं हुआ है. प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. हालांकि, इन घटनाओं में सुरक्षाबलों ने किसी भी कश्मीरी को हिरासत में नहीं लिया है.
सुरक्षाबलों के मुताबिक, 5 अगस्त को पत्थरबाजी की ये 10 घटनाएं हुईं.
जानकारी के मुताबिक, सरकार के फैसले से आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की. हालांकि, इसमें कोई भी सुरक्षाकर्मी घायल नहीं हुआ. लेकिन सीआरपीएफ का एक वाहन क्षतिग्रस्त हुआ है.
प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े.
सुरक्षाबलों के एक सीनियर अफसर ने बताया, 'घाटी में हालात नियंत्रण में हैं. पत्थरबाजी की जो घटनाएं हुईं हैं, वो छिटपुट घटनाएं हैं.' अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार के अग्रिम आदेश तक घाटी में सुरक्षाबलों की तैनाती रहेगी.
बता दें, 4 अगस्त की रात कश्मीर में धारा 144 लगा दी गई थी. इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया था.
घाटी में अग्रिम आदेश तक धारा 144 लागू रहेगी. धारा 144 लोगों को किसी भी स्थान पर कोई मीटिंग या रैली करने से रोकता है. धारा 144 लागू होने पर एक जगह पर चार से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते हैं.
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