Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बिंदी यादव: साइकिल चुराने के आरोपी से लेकर बाहुबली बनने तक का सफर

बिंदी यादव: साइकिल चुराने के आरोपी से लेकर बाहुबली बनने तक का सफर

बिंदी ने नेताओं की छत्रछाया में बढ़ाया अपराध का कारोबार

आईएएनएस
भारत
Published:
रोड रेज केस में घ‍िर गया बिंदी यादव का परिवार (फोटो: The Quint)
i
रोड रेज केस में घ‍िर गया बिंदी यादव का परिवार (फोटो: The Quint)
null

advertisement

बिहार के गया में रोड रेज के दौरान 19 वर्षीय आदित्य सचदेवा की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी रॉकी यादव के पिता बिंदेश्वरी प्रसाद यादव उर्फ बिंदी यादव आज धनी व्यापारी, राजनीतिक रसूख वाला व्यक्ति है.

बिंदी यादव गिरफ्तार हो चुका है और उनकी पत्नी विधान पार्षद (MLC) मनोरमा देवी के खिलाफ वारंट जारी हो चुका है, पुलिस तलाश रही है.

एक ऐसा भी समय था, जब 1980 के दशक में बिंदी एक छुटभैया अपराधी था. स्थानीय लोगों का कहना है कि वह साइकिल चुराने के आरोप में वह पकड़ा भी गया था. बिहार के गया शहर की अपराध की दुनिया में वह छोटा खिलाड़ी था.

लेकिन अपराध की दुनिया में बड़ा बनने की उसकी तमन्ना थी, इसलिए बिंदी ने 1990 के दशक में दूसरे गुंडे बच्चुआ से हाथ मिलाया और तीन साल तक गया शहर में कई आपराधिक घटनाओं में संलिप्त रहा. स्थानीय स्तर पर वह बिंदी-बच्चुआ के नाम से मशहूर था और अपनी राह में आने वाले किसी को भी नहीं बख्शा.

गया शहर की प्रमुख संपत्तियों को हथियाने के बाद बिंदी की काफी बदनामी हुई. उसकी बंदूकें चलती रहीं और क्षेत्र के लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर हुए.

लालू के राज में फला-फूला

उस समय सत्ता की कमान लालू प्रसाद के हाथों में थी. सुरेंद्र यादव, राजेंद्र यादव और महेश्वर यादव जैसे खतरनाक अपराधियों के बल पर बिहार में अपराध फल-फूल रहा था. बिंदी और बच्चुआ भी इस दल में शामिल हो गए. इन लोगों के क्रूर तरीकों से सरकार को कड़े मिजाज वाले जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को गया शहर में पदस्थापित करना पड़ा. बिंदी और बच्चुआ से निपटने के लिए प्रशासन को अपराध नियंत्रण के कड़े कानून लागू करने पड़े.

यही समय था, जब बिंदी को महसूस हुआ कि राजनीतिक समर्थन के बिना वह जीवित नहीं रह सकता. वर्ष 1990 के दशक में वह लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गया. यहीं से उसका अपराधी से नेता बनने का सफर शुरू हुआ.

RJD के समर्थन से 2001 में बिंदी गया जिला परिषद का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया. इस पद पर वह 2006 तक रहा.

इस बीच 2005 में विधानसभा के चुनाव में जब RJD से टिकट नहीं मिला, तो उसने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया.

MLC मनोरमा देवी की संपत्ति कुर्क करती पुलिस (फोटो: PTI)

बिंदी यादव राज्य में 2010 का विधानसभा चुनाव RJD के टिकट पर लड़ा और नामांकन के समय हलफनामा देकर अपने ऊपर 18 आपराधिक मामले होने की घोषणा की. लालू प्रसाद ने उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि को नजरअंदाज किया, लेकिन यह काम नहीं आया.

वर्ष 2010 में बदल दिया पाला

वर्ष 2010 में नीतीश कुमार के शासन में आने के बाद बिंदी ने अपनी निष्ठा बदल दी और जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गया. लेकिन अपनी छवि के प्रति सजग नीतीश कुमार एक अपराधी का समर्थन करने के पक्ष में नहीं थे.

वर्ष 2011 में जब बिंदी की गिरफ्तारी हुई तो उसके कब्जे से एक एके-47 राइफल और चार हजार कारतूस मिले थे. फिर भी, JDU और RJD के सान्निध्य का उसे भरपूर लाभ मिला.

माना जाता है कि बिंदी के नक्सलियों से अच्छे संबंध हैं और इसलिए उपद्रवग्रस्त गया क्षेत्र के कई सरकारी ठेके उसे ही मिले. इस तरह वह एक छोटे अपराधी से पैसों से खेलने वाला धनी व्यापारी बन गया. प्रतीत होता है कि बिहार की सरकारों ने बिंदी की आपराधिक पृष्ठभूमि को नजरअंदाज किया. आज भी उसके खिलाफ हत्या और अपहरण समेत 11 आपराधिक मामले चल रहे हैं.

आज बिंदी के पास गया, बोधगया, दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में मॉल, होटलें और 15 पेट्रोल पंप हैं. सड़क निर्माण और शराब के कारोबार तक विभिन्न क्षेत्रों से उसके व्यापारिक हित जुड़े हुए हैं. इसलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि असका बेटा रॉकी 1.5 करोड़ रुपये कीमत की एसयूवी गाड़ी चला रहा था और .32 बोर की पिस्तौल अपनी जेब में रखता था. आरोप है कि इसी पिस्‍तौल से उसने आदित्य की हत्या कर दी.

इसी गाड़ी में सवाल था आदित्य सचदेव (फोटो: PTI)

बिंदी का खुद का राजनीतिक करियर भले ही खराब रहा, लेकिन वह 2015 में अपनी पत्नी को विधान परिषद सदस्य (MLC) बनाने में सफल रहा.

बिंदी के बुरे दिन हालांकि अब शुरू हो चुके हैं. बेटे को भगाने की व्यवस्था करने के जुर्म में वह गिरफ्तार किया जा चुका है.

राज्य में शराबबंदी के बावजूद उसके घर से शराब की बोतलें बरामद होने के बाद उसकी पत्नी मनोरमा देवी को JDU से निलंबित कर दिया गया है.

बिंदी यादव परिवार की करतूतों से लोगों में जहां आक्रोश है, वहीं राज्य में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. अब देखना है कि सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार आगे क्या कार्रवाई करती है और अदालत इस परिवार को सजा के किस मुकाम तक पहुंचाती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT