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क्रिकेट के टी-20 वर्ल्डकप के बाद अब वाराणसी में दुनियाभर के ताकतवर इंसानों का वर्ल्डकप हो रहा है. ‘द वर्ल्ड स्ट्रॉन्ग मैन’ के नाम से होनी वाली यह चैंपियनशिप पहली बार भारत में आयोजित की जा रही है. 9 अप्रैल से शुरु हुई इस दो दिवसीय चैंपियनशिप में दुनियाभर के ताकतवर इंसान हिस्सा ले रहे हैं.
वाराणसी के डालिम्स स्कूल के मैदान में आयोजित हो रहे इस इवेंट में शनिवार को नंबर वन बनने के लिए अलग-अलग देशों के 13 बाहुबलियों ने अपना दम दिखाया.
वर्ल्ड लेवल की इस चैंपियनशिप में इंग्लैण्ड, बेलारूस, पोलेण्ड, नार्वे, मलेशिया, उज्बेकिस्तान, स्टोनिया, आयरलैंड, मलेशिया, लेटविया, रूस और भारत के बलशाली हिस्सा ले रहे हैं. बीते साल यह चैंपियनशिप पोलैण्ड में आयोजित की गई थी. इस बार महाबली बनने के इस मुकाबले में भारत के मुकेश कुमार को वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली है.
शनिवार को शुरु हुई इस चैंपियनशिप में पहला राउंड ‘लॉन्ग लिफ्ट’ मुकाबले का हुआ, जिसमें रूस के मिखाइल ने बाजी मारी. ‘लॉन्ग लिफ्ट’ राउंड में 90 सेकेण्ड तक वेट को कई बार उठाने की चुनौती थी. इस राउंड में मिखेल ने 12 बार वेट उठाकर पहला स्थान हासिल किया.
चैंपियनशिप के दूसरे राउंड ‘बस पुलिंग’ में यूके के मार्क फ्लिक ने बाजी मारी. मार्क ने 21.33 सेकण्ड में ही चार टन वजन वाली बस को रस्सी के सहारे खींचा.
शनिवार के अंतिम राउंड ‘मेडले’ में स्टोनिया के टर्मोंमिट अव्वल रहे. टर्मोंमिट ने एक मिनट 18 सेकंड में 125 किलो का एटलस स्टोन, 175 किलो का शिप एंकर, 156 किलो का एन्विल और 160 किलो वजनी लोहे का हल उठाया. इस राउंड में चार भारीभरकम चीजों को 5 मीटर की दूरी से 4 मीटर ऊपर उठाकर रखना था.
आयरलैंड से इस चैंपियनशिप में शामिल होने पहुंचे मेकोय ने द क्विंट से बात करते हुए भारत की जमकर तारीफ की. हालांकि, वह गर्मी से बेहाल दिखे. बाकी देशों के खिलाड़ियों भी गर्मी की वजह से काफी परेशान दिखे.
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