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देश की नौसेना की ताकत अब और अधिक बढ़ने वाली है. देश में निर्मित स्कॉर्पीन-श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को भारतीय नौसेना की सेवा में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी शामिल किया गया.
इस पनडुब्बी का नाम पहली फॉक्सटॉर्ट श्रेणी की पनडुब्बी के नाम पर रखा गया है. आईएनएस कलवरी को नौसेना में ऐसे समय में शामिल किया जा रहा है, जब कुछ दिनों पूर्व नौसेना ने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई थी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आईएनएस कलवरी को राष्ट्र को समर्पित किया. उनके साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पश्चिम नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वाइस एडिमरल गिरीश लूथरा और शीर्ष अधिकारी समारोह में शामिल थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हिंद महासागर, केवल भारत ही नहीं विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है. 21 वीं सदी का रास्ता हिंद महासागर से होकर ही निकलेगा. इसलिए हमारी नीतियों में हिंद महासागर का विशेष स्थान है. हम इसका विशेष ध्यान रख रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, “मैं हिंद महासागर के लिए अक्सर सागर शब्द का इस्तेमाल करता हूं. सागर- यानी की ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल द रीजन’. हम हिंद महासागर में वैश्विक, सामरिक और आर्थिक हितों को लेकर पूरी तरह सजग और सतर्क हैं.”
आईएनएस कलवारी एक डीजल- इलेक्ट्रिक युद्धक पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है. यह स्कॉर्पिन श्रेणी की उन 6 पनडुब्बियों में से पहली पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाना है.
नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, कलवरी का लगभग 120 दिनों के लिए व्यापक समुद्री परीक्षण और विभिन्न उपकरणों का परीक्षण किया गया. उन्होंने बताया कि इससे भारतीय नौसेना की रक्षा क्षमताएं बढने की उम्मीद है. इसे मुंबई के मंझगांव डॉकयॉर्ड में तैयार किया गया है. कलवरी का नाम खतरनाक टाइगर शार्क के नाम पर रखा गया है.
8 दिसंबर 1967 को पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी नौसेना में शामिल हुई थी जिसे लगभग तीन दशकों के बाद 31 मई 1996 को सेवा से हटा दिया गया था.
(इनपुटः PTI और IANS से)
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