advertisement
बोरवेल में गिरे तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के दो साल के मासूम सुजीत विल्सन को नहीं बचाया जा सका. कई घंटों की मशक्कत के बाद भी एनडीआरएफ के जवान उसे बोरवेल से जिंदा निकालने में कामयाब नहीं रहे. सुजीत के लिए पूरा देश दुआएं मांग रहा था. यहां तक कि खुद पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उसकी सलामती की कामना की थी.
2 साल का मासूम सुजीत कई घंटे तक जिंदा रहा और कई फीट गहरे बोरवेल से उसकी आवाज गूंजती रही. इस आवाज को सुनकर सुजीत की मां बोरवेल से अपने बच्चे को पुकारती और कहती रही कि-
बचाव दल के ऑपरेशन से मां कला मेरी का साहस भी बढ़ता गया और मेरी ने बचाव टीम के कहने पर एक सफेद रंग का बैग भी सिला लिया था. जिससे सुजीत को बाहर निकालने की उम्मीद थी. लेकिन ये सफेद बैग काम नहीं आ सका. रिपोर्ट के मुताबिक कुछ साल पहले बोरवेल खुदवाने वाले सुजीत के पिता ब्रिटो आरोकियाराज बच्चे की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार मान रहे हैं.
दो साल का सुजीत विल्सन 25 अक्टूबर की शाम साढ़े पांच बजे खेलते समय अचानक बोरवेल में गिर गया था. 600 फीट गहरे बोरवेल में सुजीत पहले 30 फीट पर अटक गया, लेकिन बाद में खिसकते हुए लगभग 70 फीट नीचे तक चला गया. सुजीत को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की छह टीमें रेस्क्यू में लगी हुई थीं. शुरुआत में सुजीत तक पहुंचने के लिए बोरवेल के पास गड्ढा खोदने के लिए मशीनों को काम पर लगाया गया, लेकिन इलाका चट्टानी होने के कारण इसे बीच में ही रोक दिया गया.
बाद में रेस्क्यू टीम ने 'बोरवेल रोबोट' का इस्तेमाल किया, लेकिन उसके भी असफल होने के बाद बोरवेल के पास एक गड्ढा खोदा जा रहा था. 65 फीट तक गहरा गड्ढा खोदा जा चुका था. सुजीत तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी. थर्मल इमेजिंग सिस्टम के जरिए उस पर पल-पल नजर रखी जा रही थी. पहले अधिकारियों ने कहा था कि सुजीत बेहोश हो गया है, और सांस ले रहा है. लेकन बोरवेल से दुर्गंध आने के बाद ये साफ हो गया कि मासूम की मौत हो चुकी है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)