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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. मध्य प्रदेश के इंदौर क्षेत्र से बीजेपी का उम्मीदवार बदले जाने की अटकलों के बीच सुमित्रा महाजन ने इस ऐलान के बाद से सियासी सरगर्मी बढ़ गई है.
पिछले 30 सालों में बीजेपी के लिए लगातार आठ बार इंदौर सीट जीतने वाली महाजन ने इस क्षेत्र के टिकट को लेकर पार्टी के "अनिर्णय" पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने खुद ही अपनी दावेदारी वापस लेकर बीजेपी को "चिंतामुक्त" कर दिया है.
महाजन ने कहा, 'मैंने अपनी तरफ से कह दिया है कि मैं इंदौर से लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी. लिहाजा पार्टी को इस सीट से उम्मीदवार की घोषणा में अब कोई संकोच नहीं करना चाहिए.'
बीजेपी की वरिष्ठ नेताओं में शुमार महाजन ने बताया कि उन्होंने इंदौर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले के बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी पत्र भेज दिया है.
महाजन साल 1989 से इंदौर सीट से लगातार चुनाव जीत रही हैं और इस बार भी उन्हें इसी क्षेत्र से टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था, लेकिन इंदौर सीट से बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा में देरी के चलते अटकलों के सियासी गलियारों में ये सवाल जोर पकड़ रहा था कि क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरली मनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम बीजेपी नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से आराम दिया जाएगा?
इसी महीने 12 अप्रैल को 76 साल की होने जा रहीं महाजन ने कहा, 'मैं यहां-वहां से 75 साल की कैटेगरी के बारे में भी सुन रही थी. अब तो मैं इस कैटेगरी में भी आ गई हूं.'
महाजन ने कहा, 'कल से हिंदू नववर्ष शुरू हो रहा है. लिहाजा मैंने सोचा कि हमारी पार्टी के केंद्रीय संगठन में जितने भी लोग हैं, वे नए साल में अच्छा निर्णय ले सकते हैं.'
(पीटीआई से इनपुट्स के साथ)
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