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इस जज ने खारिज की थी चिदंबरम की जमानत याचिका,अब मिला अहम पद

जस्टिस गौड़ ने 20 अगस्त को INX मीडिया केस में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

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भारत
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जस्टिस गौड़ ने किया था चिदंबरम की गिरफ्तारी का रास्ता साफ 
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जस्टिस गौड़ ने किया था चिदंबरम की गिरफ्तारी का रास्ता साफ 
(फोटोग्राफिक्स: क्विंट हिंदी) 

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INX मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के (रिटायर्ड) जज सुनील गौड़ को नई जिम्मेदारी मिली है. अब उन्हें अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (ATPMLA) का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है. न्यूज वेबसाइट द प्रिंट के मुताबिक, गौड़ 23 सितंबर से अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे.

अपने रिटायरमेंट से 2 दिन पहले जस्टिस गौड़ ने 20 अगस्त को INX मीडिया केस में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट में CBI और ED दोनों ने इस आधार पर चिदंबरम की याचिका का विरोध किया था कि उनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है. जस्टिस गौड़ के आदेश के बाद CBI ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था.  

बता दें कि CBI ने 15 मई 2017 को एक केस दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई FIPB मंजूरी में अनियमितताएं हुई थीं. इसके बाद ईडी ने 2018 में इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

जस्टिस गौड़ ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि इस मामले में चिदंबरम प्रथम दृष्टया ‘‘प्रमुख षड्यंत्रकारी" लगते हैं और प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि INX मीडिया 'घोटाला' मनी लॉन्ड्रिंग का बेहतरीन उदाहरण है.

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Published: 28 Aug 2019,02:48 PM IST

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