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Supertech Twin Tower:100m से कम दूरी-चारों तरफ धूल-ऐसे शूट हुआ सबसे पास का Video

यह ट्विन टावर्स के 100 मीटर की भी कम दूरी से रिकॉर्ड किया गया.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>Supertech Twin Tower demolition</p></div>
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Supertech Twin Tower demolition

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ये विजुअल जो आप देख रहे हैं यह क्विंट का एक्सक्लूसिव है, जो सुपरटेक के डेमोलेशन (Supertech Twin Tower demolition) के दिन लिया गया था. इसकी चर्चा ज्यादा हो रही है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह विजुअल हमने कैसे लिया? पहले तो आपको शायद यह जानकर हैरानी हो कि यह एक फोन कैमरा की मदद से किया गया है. यह ट्विन टावर्स के 100 मीटर की भी कम दूरी से रिकॉर्ड किया गया है. मीडिया के किसी भी कैमरे या किसी को ट्विन टावर (Twin Tower) के इतने करीब खड़े होने या रुकने की अनुमति नहीं थी.

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इसके मद्देनजर हमें कुछ ऐसा करना था जिससे हम कहीं दूर से यह जूम शॉट लेकर इससे एक्सेस और कंट्रोल कर सकें. कम रिसोर्सेज और बिजली, वाईफाई के अभाव में हमें दूर से यह करना था. इसके लिए हमें एक स्पॉट चुनना था जहां से हम इसे ले सकें. पहले हमने ट्विन टावर्स के ही नजदीक ATS की बिल्डिंग में एक स्पॉट चुना, लेकिन नोएडा अथॉरिटी ने जब इस स्पॉट को ढंक दिया तो हमें ये बदलना पड़ा.

फिर हमें उसी सोसाइटी में रहने वाली एक साथी की मदद से दूसरा स्पॉट चुनना पड़ा.

क्विंट के कैमरामैन शिव और ऋभु की मदद से चुने हुए स्पॉट पर कैमरा तो प्लेस हो गया लेकिन अब चुनौती यह थी कि इसके फुटेज को एक्सेस कैसे किया जाए.

इसके लिए हमने एप्प के जरिए फोन कैमरा को कनेक्ट किया. लेकिन अब भी चुनौती यह थी कि सोसाइटी में बिजली तो है नहीं. रिकॉर्ड से पहले फोन डिस्चार्ज होने की पूरी संभावना थी. इसके लिए हमने इसे 20000 mah की बैटरी से कनेक्ट किया और यह दुआ करते रहे कि फोन की बैटरी डिस्चार्ज न हो. इसके साथ ही एक रिस्क इस फोन कैमरा के क्षतिग्रस्त होने का भी था. मलबा और धूल के कण इससे सीधे टकराने की संभावना थी. सुबह 6:30 बजे के बाद सोसाइटी में जाने की अनुमति नहीं थी और डेमोलिशन 2:30 बजे होना था.

इस समय के बीच में हमें लगातार रिकॉर्ड करना था. हमने फोन को एक दिन पहले वहां एक डाइस पर रखा और अपने ट्राइपॉड और कैमरा को अच्छे से बांध दिया. इस बीच हम लगातार चेक करते रहे यह फुटेज आती रहे. आखिरकार बिना किसी तकनीकी गड़बड़ के यह फुटेज हमें मिलते रहे और अंत में हमें वो मिला जिसकी हमें तलाश थी.

ये विज़ुअल बेहद नजदीक के थे और आप उसमें ट्विन टावर्स को धूल में तब्दील होते काफी करीब से देख सकते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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