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नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टावर्स आखिरकार रविवार, 28 अगस्त को जमींदोज (Supertech Twin Towers Demolition) हो गए. महज 9 सेकंड में ही इस कार्रवाई को 3700 किलो विस्फोटक की मदद से अंजाम दिया गया. आम लोगों, खासकर सुपरटेक ट्विन टावर के आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों के लिए इतने बड़े संरचना का विध्वंस चिंता और कौतूहल का विषय रहा. नोएडा प्राधिकरण की CEO रितु माहेश्वरी ने कहा है कि "आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि आसपास रहने वाले लोगों को शाम 6:30 के बाद वापस आने की इजाजत दी जाएगी.
इससे पहले क्विंट से बात करते हुए आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ स्क्वाडन लीडर कृष्णन मित्रू, जो डिजास्टर मैनेजमेंट एंड एनवायरनमेंट के कंसल्टेंट हैं, ने कहा कि अथॉरिटी ने डेमोलिशन को अच्छे से प्लान किया है और जरूरी एहतियात बरती गयीं.
आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ कृष्णन मित्रू ने कहा कि डेमोलिशन के बाद उठने वाली धूल को रोकने के लिए कम से कम वायुसेना के दो हेलिकॉप्टर्स लगाने चाहिए थे.
वहीं ट्विन टॉवर्स के आसपास रहने वाले पड़ोसियों का कहना है कि उनकी प्रशासन ने कोई मदद नहीं की और उनके हाल पर छोड़ दिया. वे ऑफ्टर इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं और उन्हें अपने फ्लैट्स की चिंता है.
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