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सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के एक मामले पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से कहा कि ईवीएम में खराबी की रिपोर्ट करने को अपराध माने जाने वाले प्रावधान को हटाने की मांग वाली याचिका पर जवाब दें. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग से अगले दो हफ्तों में इसे लेकर जवाब मांगा है.
वकील सुनील अहिया ने सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर याचिका यादर की थी. उन्होंने मांग की है कि ईवीएम की खराबी से संबंधित शिकायत दर्ज करने की स्वतंत्रता दी जाए. अहिया ने कहा कि 14 अगस्त, 2013 को एक नया नियम 49एमए जोड़ने के लिए चुनाव नियमावली में संशोधन किया गया था, ताकि ईवीएम से जुड़ी शिकायत के मामले में प्रक्रिया का पालन किया जा सके.
अहिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 177 के साथ चुनाव आचार संहिता के नियम 49एमए में ईवीएम और वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की खराबी की रिपोर्टिंग को अपराध माना गया है, जो सही नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रावधान एक मतदाता को आगे आने और शिकायत करने से रोक सकता है. इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर शक भी पैदा हो सकता है.
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम खराबी की कई शिकायतें सामने आईं. देश के कई राज्यों से ईवीएम में खराबी की खबरें आईं. हालांकि चुनाव आयोग ने दावा किया कि जहां से भी ऐसी शिकायतें आईं, वहां तुरंत दूसरी ईवीएम की व्यवस्था कर दी गई. कई विपक्षी दलों ने भी चुनाव आयोग पर इसे लेकर सवाल उठाए.
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