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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली समेत 12 राज्यों से जवाब मांगा है कि वो अभी तक लोकायुक्त क्यों नहीं बना पाए हैं.
अदालत ने 12 राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा कि वो लोकायुक्त नहीं बना पाने की वजह बताएं. जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने जम्मू कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पुडुचेरी, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली एवं पश्चिम बंगाल से सफाई मांगी है.
इन सभी राज्यों से ये भी बताने को कहा गया है कि लोकायुक्तों की नियुक्ति कब होगी?
लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम की धारा 63 के मुताबिक हर राज्य लोकायुक्त की स्थापना करेगा. सुप्रीम कोर्ट उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें लोकायुक्तों के प्रभावी कामकाज के लिये पर्याप्त बजटीय आवंटन एवं जरूरी बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के संबंध में राज्यों को निर्देश देने की मांग की गयी थी.
वकील एवं दिल्ली भाजपा के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका के अनुसार लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, 2013 को एक जनवरी, 2014 को राष्ट्रपति की सहमति मिल गयी थी, लेकिन कार्यपालिका ने अब तक लोकपाल का गठन नहीं किया है। याचिकाकर्ता के अनुसार कई राज्य सरकारें जरूरी बुनियादी ढांचा, पर्याप्त बजट एवं कार्यबल उपलब्ध नहीं कराकर‘‘ जानबूझकर लोकायुक्त को कमजोर'' कर रही हैं
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