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चीफ जस्टिस एसए बोबड़े के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 7 जनवरी को कहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान प्रदर्शन स्थल पर कोरोना वायरस केसों में इजाफा हो सकता है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो सुनिश्चित करें कि किसान प्रदर्शन स्थल पर स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस का पालन हो.
जम्मू की वकील सुप्रिया पंडिता ने महामारी के प्रसार और लाखों लोगों के स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की भूमिका सवाल उठाते हुए याचिका दायर की थी. जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रह्मण्यम की बेंच ने याचिका की सुनवाई की.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है. साथ ही आदेश भी दिया है कि सरकार ऐसे कदम उठाए जिससे किसान प्रदर्शन स्थल पर कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके. इसके पहले कोर्ट दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर चुका है.
याचिकाकर्ता सुप्रिया पंडिता ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस निजामुद्दीन मरकज के चीफ मौलाना साद को गिरफ्तार नहीं कर सकी, जिन्होंने धार्मिक समारोह का आयोजन किया जिसकी वजह से कोरोना वायरस का प्रसार बढ़ा.
भारत सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार जवाब देकर बताएगी कि वो किसान प्रदर्शन में कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं.
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