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बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में फैसला 30 सितंबर तक सुनाया जाए: SC

2017 में सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई करने और ट्रायल को दो साल में खत्म करने को कहा था

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2017 में सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई करने और ट्रायल को दो साल में खत्म करने को कहा था
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2017 में सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई करने और ट्रायल को दो साल में खत्म करने को कहा था
(फाइल फोटो: PTI) 

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सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई स्पेशल कोर्ट को फैसला सुनाने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "इस मामले की सुनवाई कर रहा सीबीआई स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर तक ट्रायल खत्म कर फैसला सुनाए."

2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से रोजाना सुनवाई करने और ट्रायल को दो साल में खत्म करने को कहा था. स्पेशल जज एसके यादव की याचिका पर एक महीने के लिए इस डेडलाइन को बढ़ा दिया गया था.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी ने इस मामले में स्पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने 24 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दर्ज कराया था. वहीं, मुरली मनोहर जोशी ने 23 जुलाई को अपना बयान दर्ज कराया.  

राम मंदिर के शिलान्यास से एक दिन पहले 4 अगस्त को इस मामले की सुनवाई के दौरान आडवाणी और जोशी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया.

NDTV से बात करते हुए बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि उन्होंने कोर्ट को वही बताया जो सच है और वो फैसले के बारे में चिंतित नहीं हैं. भारती ने कहा, "मुझे कोर्ट ने बयान देने के लिए बुलाया था और मैंने जो सच था वही कहा. मुझे इससे मतलब नहीं कि फैसला क्या आएगा."

एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती उन बीजेपी नेताओं में शामिल हैं, जिन पर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश के आरोप लगे हैं.

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