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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने 4 जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सामने आए विवाद को सुलझाने की पहल की है. बार एसोसिएशन ने इमरजेंसी मीटिंग के बाद चीफ जस्टिस के सामने 2 मांगें रखी हैं और उन पर जल्द फैसला लेने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विकास सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है.
बार एसोसिएशन ने मांग की है कि 4 जजों ने जो मुद्दे उठाए हैं या इस दौरान मीडिया में न्यायपालिका से जुड़े जो विवाद सामने आए हैं, उन पर विचार करने के लिए चीफ जस्टिस फुल कोर्ट बुलाएं. इसमें न्यायपालिका से जुड़े हर विवादित मुद्दे पर बात होनी चाहिए.
बार एसोसिएशन की दूसरी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट में PIL के सभी केसों पर चीफ जस्टिस या 5 जजों की कॉलेजियम ही सुनवाई करे.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में और जो बातें कहीं, वो इस तरह हैं:
इस बड़े घटनाक्रम की ओर देशभर की निगाहें लगी हुई हैं. आने वाले दिनों में कुछ और हलचल देखने को मिल सकती है.
सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों की ओर से न्यायिक प्रणाली पर सवाल उठाए जाने के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा बगावती तेवर अपनाने वाले जजों से रविवार को मुलाकात कर सकते हैं. इनमें से दो जजों ने शनिवार को मुद्दा सुलझाने की ओर इशारा भी किया है. उन 4 में से 3 जज दिल्ली से बाहर हैं और रविवार दोपहर तक उनके लौटने की संभावना है.
हालांकि इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि चीफ जस्टिस सवाल उठाने वाले चारों जजों से मुलाकात करेंगे. लेकिन जस्टिस कुरियन जोसेफ, रंजन गोगोई और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मिल रहे संकेतों से इस विवाद पर सुलह के आसार नजर आ रहे हैं.
जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कोच्चि में कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कोई भी संवैधानिक संकट नहीं है और जो मुद्दे उन लोगों ने उठाए हैं, उनके सुलझने की पूरी संभावना है.
जस्टिस जोसेफ ने कहा:
हालांकि उन्होंने इस बारे में ज्यादा विस्तार से नहीं बताया.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उम्मीद जाहिर की कि 4 सीनियर जजों की 'बगावत' से पैदा हुआ संकट जल्द ही सुलझ जाएगा.
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