advertisement
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) से जुड़ी सभी जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने SBI को जिसमें भुनाए गए बॉन्ड की यूनिक नंबर और सीरियल नंबर, अगर इनमें से कोई भी शामिल हैं तो उन्हें जारी करने को कहा है. इसके अलावा अदालत ने SBI चेयरमैन को गुरुवार (21 मार्च) शाम 5 बजे तक एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे के संबंध में कहा कि SBI इलेक्टोरल बॉन्ड के सभी विवरणों का खुलासा करें, जो उनके अधीन हैं, इसमें कोई विवरण छिपाया नहीं जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग SBI से जानकारी प्राप्त होने पर तुरंत अपनी वेबसाइट पर डिटेल अपलोड करेगा.
मुख्य न्यायामूर्ति ने आगे कहा, "हर जानकारी सामने आनी चाहिए. सारी जानकारी सामने आनी चाहिए. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कुछ भी छुपाया न जाए."
एसबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि "हम अदालत के साथ खेल रहे हैं". उन्होंने कहा कि अगर अदालत को चुनावी बांड की संख्या चाहिए तो हम देंगे.
इससे पहले शुक्रवार (15 मार्च) को पीठ ने एसबीआई द्वारा अल्फान्यूमेरिक संख्याओं का खुलासा किए बिना चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने पर आपत्ति जताई थी, जिसके बिना दानदाताओं का राजनीतिक दलों से मिलान करना मुश्किल है.
वहीं, भारत के चुनाव आयोग ने रविवार (17 मार्च) को अपनी वेबसाइट पर राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त दान का विवरण अपलोड किया.
11 मार्च को कोर्ट ने ईसीआई को ये विवरण भी प्रकाशित करने का निर्देश दिया. इस मामले में "नागरिक अधिकार ट्रस्ट" द्वारा एक आवेदन दायर किया गया है जिसमें एसबीआई और चुनाव आयोग को 1 मार्च, 2018 और 12 अप्रैल, 2019 के बीच बेचे गए 4000 करोड़ रुपये के चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)