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असम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटजंस (एनआरसी) के कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला का ट्रांसफर कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने उनके ट्रांसफर का निर्देश दिया है. उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश में करने के निर्देश दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अधिकतम अवधि के लिए हजेला को मध्य प्रदेश में रखा जाए. एनआरसी के कोऑर्डिनेटर हजेला को जान का खतरा बताया गया था. जिसके बाद उनके ट्रांसफर के निर्देश जारी किए गए हैं.
जब बाहर से किसी अधिकारी की सीमित अवधि के लिए नियुक्ति की जाती है, जिसके खत्म होने पर उन्हें अपने मूल संवर्ग में वापस जाना पड़ेगा तो उसे प्रतिनियुक्ति कहा जाता है. इसे अल्प अवधि संविदा भी कहा जाता है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी गैर सरकारी संगठन जैसे विश्वविद्यालयों, मान्यता प्राप्त शोध संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि के उपयुक्त अधिकारियों की शिक्षण, शोध, वैज्ञानिक या तकनीकी पदों पर नियुक्ति के लिए अवश्यकता होती है.
बता दें कि असम में फाइनल NRC में 19 लाख से ज्यादा लोग अपनी जगह बनाने में नाकाम रहे. लगभग 3 करोड़ 11 लाख लोगों के नाम इसमें हैं. NRC का मकसद अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान का है. अब एनआरसी लिस्ट से बाहर हुए 19 लाख लोगों पर विदेशी होने का खतरा मंडरा रहा है. एनआरसी को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला की इसमें अहम भूमिका रही है. उन्होंने इस लिस्ट को अंतिम रूप देने और इसके पब्लिकेशन को लेकर काम किया.
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