Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोना वायरस पर फेक न्यूज रोके केंद्र, 24 घंटे में बने पोर्टल: SC

कोरोना वायरस पर फेक न्यूज रोके केंद्र, 24 घंटे में बने पोर्टल: SC

लॉकडाउन के बीच श्रमिकों के पलायन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
लॉकडाउन के बीच श्रमिकों के पलायन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
i
लॉकडाउन के बीच श्रमिकों के पलायन मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
(फोटो: PTI)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च को केंद्र सरकार से कहा कि वो कोरोना वायरस पर रियल टाइम इन्फोर्मेशन के लिए 24 घंटे में एक पोर्टल बनाए, जिससे फेक न्यूज के जरिए फैलाए जा रहे डर से निपटा जा सके.

बता दें कि देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच बड़े शहरों से कामगारों के पलायन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च को सुनवाई आगे बढ़ाई.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह "इस चरण में COVID 19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट है" लेकिन साथ ही कोर्ट ने सरकार से रोज के घटनाक्रमों पर एक दैनिक बुलेटिन शुरू करने के लिए कहा, ताकि लोगों के संदेह को दूर किया जा सके.

‘फर्जी खबरों के चलते पैदा हुई डर की स्थिति’

एक आदेश में चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों पर अपनी चिंताओं को जाहिर किया. कोर्ट ने कहा कि '3 महीने के लॉकडाउन' जैसी फर्जी खबरों के चलते प्रवासी मजदूरों में डर और घबराहट की स्थिति पैदा हुई. कोर्ट ने उम्मीद जताई कि सार्वजनिक सुरक्षा के हित में सभी को केंद्र के सभी निर्देश और सलाह का पालन करना चाहिए.

कोर्ट ने आशंका जताई कि डर वायरस से ज्यादा जिंदगियां तबाह कर देगा और केंद्र से कहा कि वो प्रशिक्षित काउंसलर्स और कम्युनिटी लीडर्स को प्रवासियों को शांत करने के लिए लाए, जिनको देशभर में शेल्टर होम में रखा गया है.
कोर्ट ने केंद्र से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पलायन रुके और लोगों की खाने, आश्रय और चिकित्सा संबंधी जरूरतें पूरी हों.

बार एंड बेंच के मुताबिक, केंद्र ने बताया कि कोरोना वायरस पर लोगों के सवालों के जवाब के लिए एक्सपर्ट्स की एक कमेटी का गठन किया जाना है. इस पर कोर्ट ने निर्देश दिया है कि 24 घंटे के अंदर इस कमेटी का गठन किया जाए.

केंद्र की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ''22 लाख 88 हजार से ज्यादा लोगों को खाना मुहैया कराया जा रहा है. ये जरूरतमंद, प्रवासी और दिहाड़ी मजदूर हैं.''

बता दें भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने कामगारों के पलायन के मामले पर 30 मार्च को एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव और रश्मि बंसल की तरफ से दायर जनहित याचिकाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की.

इन याचिकाओं में 21 दिन के देशव्यापी कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार होने वाले हजारों प्रवासी कामगारों के लिए खाना, पानी, दवा और समुचित चिकित्सा सुविधाओं जैसी राहत दिलाने का अनुरोध किया गया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 31 Mar 2020,01:34 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT