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महाराष्ट्र:SC ने केंद्र से मांगी गवर्नर की BJP को न्योते की चिट्ठी

महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 

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भारत
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सुप्रीम कोर्ट (फोटो: द क्विंट)
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सुप्रीम कोर्ट (फोटो: द क्विंट)
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महाराष्ट्र में हुए बड़े सियासी उलटफेर के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवंबर को शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की याचिका पर सुनवाई की. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो 25 नवंबर को इस याचिका पर उचित आदेश देगा.

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, महाराष्ट्र सरकार, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा है, ''हम सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अनुरोध करते हैं कि वह कल सुबह 10:30 बजे तक बीजेपी को सरकार बनाने के लिए न्योते वाले लेटर से लेकर विधायकों के समर्थन वाले लेटर तक संबंधित दस्तावेज सौंपें.''

शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने का फैसला रद्द करने की मांग की है. इन पार्टियों ने अपनी याचिका में ‘खरीद-फरोख्त रोकने के लिए’ जल्दी से फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग भी की है.

शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका के लिए दलील देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा

  • कल सुबह राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया. इसके बाद सुबह 8 बजे दो शख्स सीएम पद और डिप्टी सीएम पद की शपथ लेते हैं. कौन से दस्तावेज दिए गए थे?
  • जिस तरह से देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाई गई, राज्यपाल सीधे दिल्ली के निर्देशों पर काम कर रहे थे.
  • चुनाव से पहले के गठबंधन को पहले मौका मिलना चाहिए. हालांकि चुनाव से पहले वाला गठबंधन टूट चुका है. अब हम चुनाव के बाद वाले गठबंधन की बात कर रहे हैं
  • अगर फडणवीस के पास संख्याबल है तो वह इसे फ्लोर टेस्ट में साबित करें

कांग्रेस-NCP की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा

  • जब (22 नवंबर को) शाम 7 बजे इस बात का ऐलान हो गया था कि हम सरकार बनाने के लिए दावा कर रहे हैं और उद्धव ठाकरे इसकी अगुवाई करेंगे, तो क्या राज्यपाल इंतजार नहीं कर सकते थे
  • यह लोकतंत्र की हत्या है
  • कल एनसीपी ने फैसला किया कि अजित पवार उसके विधायक दल के नेता नहीं हैं. अगर उनकी अपनी पार्टी से उनको समर्थन नहीं मिल रहा तो वह डिप्टी सीएम कैसे बने रह सकते हैं
  • आज या कल फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए
  • यह कैसे संभव हो सकता है कि कल जिसने बहुमत का दावा करते हुए शपथ ली हो, वो आज फ्लोर टेस्ट से संकोच कर रहा है

वहीं महाराष्ट्र बीजेपी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा

  • मुझे नहीं पता कि यह सुनवाई रविवार को क्यों हो रही है, रविवार को सुनवाई नहीं होनी चाहिए
  • मेरे मुताबिक (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका का) यह मामला लिस्टेड ही नहीं होना चाहिए था
  • राज्यपाल के फैसले में कुछ भी गैरकानूनी नहीं था, फ्लोर टेस्ट की तारीख को लेकर कोर्ट को आदेश नहीं देना चाहिए
  • क्या सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को एडवांस फ्लोर टेस्ट का आदेश दे सकता है? उनके (शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी) दावों का समर्थन करने वाला कोई भी दस्तावेज नहीं है
बता दें कि 23 नवंबर की सुबह महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद और एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.

इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनना लगभग तय माना जा रहा था. 22 नवंबर की शाम शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच बैठक हुई थी. बैठक से बाहर निकलते हुए एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा था- ''मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे के नाम पर हम सबके बीच सहमति बनी है.''

वहीं कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बैठक के बाद कहा था, ''सभी (तीनों) पार्टियों के नेता मौजूद थे. बातचीत सकारात्मक रही. बातचीत कल भी जारी रहेगी.'' इन बयानों के आने के बाद मीडिया में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के बीच सत्ता साझेदारी के फॉर्मूले भी आने लगे थे.

ये भी देखें- अजित पवार ने की बगावत, या ये है शरद पवार स्टाइल सियासत

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Published: 24 Nov 2019,11:37 AM IST

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