Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019SC-ST को प्रमोशन में आरक्षण का मामला, SC ने कहा-राज्य सरकारें करें फैसला

SC-ST को प्रमोशन में आरक्षण का मामला, SC ने कहा-राज्य सरकारें करें फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत इसके लिए कोई मापदंड तय नहीं कर सकती है

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>सरकारी नौकरी में एससी-एसटी आरक्षण</p></div>
i

सरकारी नौकरी में एससी-एसटी आरक्षण

null

advertisement

सरकारी नौकरी में एससी-एसटी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि प्रमोशन में रिजर्वेशन के लिए अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का डेटा तैयार करने की जिम्मेदारी राज्य की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत इसके लिए कोई मापदंड तय नहीं कर सकती है और अपने पूर्व के फैसलों के मानकों में बदलाव नहीं कर सकती है.

जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पीरियेडिक रिव्यू पूरी करने के बाद प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का मूल्यांकन करने के लिए मात्रात्मक डेटा का संग्रह जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि वह प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए कोई पैमाना नहीं बना सकती है.

जस्टिस संजीव खन्ना और बी.आर. गवई वाली बेंच ने एससी और एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने के लिए एम नागराज और 2018 में जरनैल सिंह में 2006 के संविधान पीठ के फैसले में निर्धारित मानदंडों को कम करने से इनकार कर दिया. बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान देने के लिए अवधि समीक्षा निर्धारित करनी चाहिए.

अदालत ने कहा कि 'कैडर' को मात्रात्मक डेटा के संग्रह के लिए एक इकाई के रूप में माना जाना चाहिए और पीरियेडिक रिव्यू के बाद प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के लिए मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है. समीक्षा अवधि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए।

अदालत ने कहा कि नागराज निर्णय - जिसमें मात्रात्मक डेटा के संग्रह, प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता और प्रशासन की दक्षता पर समग्र प्रभाव जैसी शर्तें रखी गई हैं - उनका संभावित प्रभाव होगा.

अदालत सुनवाई के लिए पदोन्नति के साथ आगे बढ़ने के लिए केंद्र के खिलाफ अवमानना याचिका की जांच करेगी और यह फरवरी के अंतिम सप्ताह में विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की याचिकाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT