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प्रवासी मजदूरों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सरकार को आदेश दिया है कि लॉकडाउन की वजह से देशभर के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन के अंदर ही उनके घर भेजा जाए. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि मजदूरों की मांग के 24 घंटे के अंदर ही उन्हें ट्रेन दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि इन सभी मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाई जाए और इसकी पूरी जानकारी 8 जुलाई तक कोर्ट में सौंपी जाएं.
प्रवासी मजदूरों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 5 जून को सुनवाई हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों से कहा था कि प्रवासी मजदूरों को अगले 15 दिनों में अपने-अपने घर पहुंचा दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला 9 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया था.
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लॉकडाउन के ऐलान के बाद ही देश के अलग-अलग राज्यों में लाखों प्रवासी मजदूर फंस गए थे. जब उन्हें खाने की दिक्कत हुई तो वो पैदल ही अपने-अपने घरों को निकल पड़े. कई मजदूरों की रास्तें में ही मौत की भी खबरें आईं. आखिर 2 महीने बाद सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई, लेकिन मजदूरों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनको घर पहुंचाना भी इतना आसान नहीं था.
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