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हिजाब विवाद (Hijab Row) पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है. कर्नाटक हाईकोर्ट के उस अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें छात्रों को मामले का फैसला होने तक धार्मिक पोशाक पहनने पर जोर नहीं देने का निर्देश दिया गया था.
सिब्बल ने कहा था कि कर्नाटक में जो हो रहा है और पूरे देश में फैल रहा है. मुख्य न्यायाधीश ने सिब्बल से कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहा है और इसे इस पर फैसला करने की अनुमति दी जानी चाहिए. अदालत ने कहा कि हमें इस स्तर पर क्यों जाना चाहिए? यह सब ठीक नहीं है.
सिगुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान अपना अंतरिम आदेश दिया. आदेश में कोर्ट ने बेंच का फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी है. साथ ही स्कूल-कॉलेज फिर खोलने के आदेश दिए हैं.
जनवरी में उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 6 लड़कियों को हिजाब के कारण क्लास में जाने से रोक दिया गया था. जब हिजाब पहनकर क्लास में बैठने की इनकी अपील को खारिज कर दिया गया तो इन्होंने प्रदर्शन शुरू किया. मामला तब बढ़ गया जब इनके हिजाब के जवाब में कुछ छात्र भगवा शॉल पहनकर चले आए.
हिजाब पहनने से रोके जाने पर छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है. लिहाजा उन्हें इससे रोका नहीं जा सकता.
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