Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019इलेक्टोरल बॉन्ड पर अंतरिम रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

इलेक्टोरल बॉन्ड पर अंतरिम रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को केन्द्र और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
इलेक्टोरल बॉन्ड पर अंतरिम रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
i
इलेक्टोरल बॉन्ड पर अंतरिम रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
(फोटोः Altered By Quint Hindi)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर रोक लगाने के लिये दायर अर्जी पर केन्द्र और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है.

CJI एस ए बोबडे, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्य कांत की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स’ के आवेदन पर केन्द्र और निर्वाचन आयोग से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

प्रशांत भूषण ने लगाया आरोप

इस संगठन की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि इस योजना का मतलब बगैर हिसाब किताब वाले काले धन को सत्ताधारी दल के पक्ष में देना है. उन्होंने इस योजना पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये भारतीय रिजर्व बैंक के एक दस्तावेज का भी जिक्र कया. पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे देखेंगे हम इस मामले को दो सप्ताह बाद लिस्ट कर रहे हैं.’’

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

निर्वाचन आयोग ने मांगा चार हफ्तों का समय

निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि ये सभी दलीलें पहले दी जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना के खिलाफ गैर सरकारी संगठन के आवेदन पर जवाब देने के लिये चार हफ्ते का समय दिया जाए.

सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान दस दिन के लिये इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री खोली है.

कोई भी भारतीय खरीद सकता है इलेक्टोरल बॉन्ड

सरकार ने 2 जनवरी, 2018 को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना अधिसूचित की थी. इस योजना के प्रावधानों के अनुसार कोई भी भारतीय नागरिक या प्रतिष्ठान इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद सकता है. ये इलेक्टोरल बॉन्ड सिर्फ उन राजनीतिक पार्टियों को मिलेगी, जो जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 29ए के तहत रजिस्टर हैं और उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव या विधान सभा चुनाव में कुल मतदान का एक प्रतिशत से कम मत नहीं मिले हैं.

अधिसूचना के अनुसार राजनीतिक पार्टी अधिकृत बैंक में खाते के माध्यम से ही इन इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाने के योग्य होंगे.

इनपुट भाषा से

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 20 Jan 2020,04:40 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT