Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UAPA आरोपी को जमानत देने के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज

UAPA आरोपी को जमानत देने के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज

हाईकोर्ट ने आरोपी को राहत देते हुए कहा था कि UAPA के तहत जमानत देने पर प्रतिबंध इस मामले में लागू नहीं होगा,

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
UAPA आरोपी को जमानत देने के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज
i
UAPA आरोपी को जमानत देने के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज
(फोटो:PTI)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने CAA के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में फर्जी पहचानपत्र के आधार पर सिम बेचने के आरोपी की जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील सोमवार को खारिज कर दी. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरोपी फैजान खान को जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के 23 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ पुलिस की अपील खारिज कर दी.

UAPA आरोपी को मिली थी जमानत

हाईकोर्ट ने आरोपी को राहत देते हुए कहा था कि UAPA कानून के तहत जमानत देने पर प्रतिबंध इस मामले में लागू नहीं होगा, क्योंकि जांच एजेंसी ने ऐसा कुछ नहीं पेश किया है, जिससे पता चले कि वह सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के आयोजन की किसी साजिश में शामिल था.

पुलिस की दलील क्या थी?

पुलिस ने दावा किया था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में को-ऑर्डिनेशऩ के लिए फर्जी पहचानपत्र के आधार पर लिए गए इस सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपी फैजान खान के खिलाफ ऐसा कोई आरोप नहीं है कि वह किसी तरह की आतंकी फंडिंग या इससे जुड़ी किसी अन्य गतिविधि में शामिल था.

आरोप है कि सीएए के खिलाफ विरोध के दौरान फरवरी महीने में हिंसा भड़काने में इस सिम का कथित रूप से इस्तेमाल किया गया था.

हाईकोर्ट ने क्या कहा था?

हाईकोर्ट ने आरोपी को राहत देते हुए कहा था कि यूएपीए कानून के तहत जमानत देने पर प्रतिबंध इस मामले में लागू नहीं होगा, क्योंकि जांच एजेंसी ने ऐसा कुछ नहीं पेश किया है, जिससे पता चले कि वह सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के आयोजन की किसी साजिश में शामिल था. हाईकोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ यूएपीए के लिए, जांच एजेंसी का कर्तव्य है कि वह यह प्रदर्शित करे कि याचिकाकर्ता को 'वास्तविक ज्ञान' था कि विरोध प्रदर्शन के आयोजन के लिए उक्त सिम कार्ड का उपयोग किया जाएगा.

(इनपुट: IANS)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT