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सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली और कर्नाटक में ऑक्सीजन की सप्लाई लेकर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने केंद्र सरकार को सख्त निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को उसके अगले आदेश तक हर दिन दिल्ली में 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी है. बता दें कि दिल्ली की तरफ से रोजाना 700 mt ऑक्सीजन की मांग की गई थी, जिसको लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई, दिल्ली सरकार ने कम ऑक्सीजन मिलने की बात की, जिस पर कोर्ट केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें सख्त फैसला लेने पर मजबूर ना करें.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "हम चाहते हैं कि 700 मीट्रिक टन दिल्ली को आपूर्ति की जाए, इसकी आपूर्ति की जानी है और हम जबरदस्ती नहीं चाहते हैं, पीठ ने जोर दिया कि दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति के बारे में उसके आदेश को दोपहर बाद अपलोड किया जाएगा, लेकिन केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति को आगे बढ़ाने और व्यवस्थित करने के लिए कहा.
जस्टिस शाह ने कहा कि केंद्र को अगले आदेश तक हर दिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी है, दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी कि कोर्ट के आदेशों के बाद भी उसे 700 एमटी ऑक्सीजन नहीं मिली.
5 मई को, अदालत ने 4 मई के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसके द्वारा केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरा करने में विफलता के लिए अदालत की अवमानना के लिए नोटिस जारी किया गया था.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को ऑक्सीजन सप्लाई करने के मामले में केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम कर्नाटक के लोगों को नहीं छोड़ सकते. कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य को 1200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोजाना देने को कहा था. लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि अचानक इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई करना मुश्किल है, इसलिए कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.
पिछले करीब तीन हफ्तों से केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच ऑक्सीजन को लेकर तनातनी जारी है. यहां तक कि मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा.
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