advertisement
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों को फटकार लगाई थी और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए सख्त आदेश भी जारी किए थे. लेकिन अब 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के 20 अक्टूबर वाले आदेश पर रोक लगा दी है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना प्रोटोकॉल लागू न होने पर चुनाव आयोग को भी फटकार लगाई, जिसकी वजह से हाईकोर्ट को ये ऑर्डर जारी करने पड़े थे.
हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक इस परिस्थिति में भी भीड़ तभी जुटाई जा सकती है जब राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार जिलाधिकारी के पास इतनी रकम जमा करे जिससे सभी के लिए मास्क और सैनेटाइजर आ सके. कोर्ट के आदेश में ये भी लिखा है कि उम्मीदवार को एफिडेवट लिखकर देना होगा कि वो खुद व्यक्तिगत रूप से मास्क और सैनेटाइजर बांटने में सक्षम है या नहीं है.
मध्य प्रदेश की 28 सीटों लिए उप-चुनाव में वोटिंग 3 नवंबर को होने वाली है. वहीं उप-चुनाव के नतीजे बिहार (Bihar) विधानसभा के नतीजों के साथ ही 10 नवंबर को आएंगे.
मध्य प्रदेश में भारी तादाद में भीड़ जमा करके राजनीतिक गतिविधियों जोरों से हो रही है. राजनीतिक दल और उनके नेता दिन-रात एक करके बड़ी-बड़ी रैलियां करने में लगे हैं और कोरोना वायरस के नियमों को लेकर धज्जियां उड़ रही हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)