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बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ने पर लंबे समय से बहस झिड़ी हुई है. बैंक अकाउंट को आधार से अनिवार्य रूप से लिंक करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा.
कल्याणी मेनन सेन ने निजता का हनन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में बैंक अकाउंट से आधार कार्ड जोड़ने के खिलाफ याचिका दायर की थी. दरअसल रिजर्व बैंक ने साफ किया था कि बैंक अकाउंट्स को आधार कार्ड से लिंक करना प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अनिवार्य है.
सेन की इस याचिका में कहा है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत नियमों में संशोधन करके बैंक खातों के साथ आधार को जोड़ने का फैसला उस वादे का उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि बायॉमेट्रिक्स का हिस्सा बनना स्वैच्छिक होगा.
वहीं केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है जिसमें मोबाइल फोन यूजर्स को 6 फरवरी तक अपना फोन आधार के साथ लिंक करवाना जरूरी बताया है. सरकार ने अदालत में कहा कि सभी मोबाइल फोन नंबरों को ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के तहत आधार से लिंक करवाना जरूरी है. इसके साथ ही नए बैंक खाते खुलवाने के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य है.
हलफनामे में सरकार ने यह भी कहा है कि मोबाइल फोन से आधार को लिंक करने की अंतिम समयसीमा अकेले सरकार नहीं बदल सकती क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट ने फिक्स किया है. हालांकि कहा कि मौजूदा बैंक खातों के साथ आधार को लिंक करने की समयसीमा को बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया है.
केंद्र सरकार ने अपने ताजा शपथ-पत्र में कहा है कि मौजूदा बैंक खाते 31 मार्च तक आधार न जमा करवाने तक काम करते रहेंगे लेकिन जहां तक नए खाते खुलवाने की बात है तो उसके लिए पहचान के तौर पर आधार या पंजीकरण संख्या देना अनिवार्य होगा.
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