advertisement
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कथित पेगासस जासूसी मामले में कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुनाएगा. अदालत ने 23 सितंबर को संकेत दिया था कि वह पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं पर पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति का गठन कर सकती है.
सीजेआई ने कहा था कि कोर्ट इस हफ्ते आदेश पारित करना चाहती थी. हालांकि, आदेश को स्थगित कर दिया गया, क्योंकि कुछ सदस्य, जिन्हें अदालत तकनीकी समिति का हिस्सा बनाना चाहती थी, ने समिति में रहने को लेकर व्यक्तिगत कठिनाइयों को जताया है.
उन्होंने कहा, "इसीलिए तकनीकी विशेषज्ञ समिति के गठन में समय लग रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि अदालत जल्द ही तकनीकी समिति के सदस्यों को अंतिम रूप देगी.
केंद्र ने पहले ही जासूसी के आरोपों की जांच के लिए स्वतंत्र सदस्यों से बना एक विशेषज्ञ पैनल गठित करने का प्रस्ताव दिया था. इसने कहा था कि यह समिति अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंप सकती है.
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया था कि सरकार डोमेन विशेषज्ञों के एक पैनल के समक्ष पेगासस मामले के संबंध में सभी विवरणों का खुलासा करेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी को हलफनामे में शामिल नहीं किया जाएगा.
मेहता ने जोर देकर कहा था कि ऐसे भी आतंकवादी संगठन हैं, जो बेहतर तरीके से नहीं जानते हैं कि आतंकवाद से निपटने के लिए कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाता है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)