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सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ गैंगरेप और हत्या केस को पंजाब के पठानकोट कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि इस केस की सुनवाई कोर्ट के बंद कमरे में होनी चाहिए. साथ ही किसी देरी से बचने के लिए हर रोज फास्ट ट्रैक सुनवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी. जम्मू कश्मीर सरकार ने केस को दूसरे राज्य में ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया है.
कोर्ट ने सीबीआई जांच से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मामला उसके पास है, कोई और अदालत इससे जुड़ा आदेश पारित नहीं करेगा. मामले में पीड़ित के परिवारवालों और उसके मामले की पैरवी कर रही वकील की सुरक्षा बरकरार रहेगी.
जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में 8 साल की बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी. बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के एक छोटे से मंदिर में करीब एक सप्ताह तक रखा गया. 10 जनवरी को पहली बार उस बच्ची के साथ रेप किया गया. 17 जनवरी को उसका शव जंगलों में मिला था. आरोपियों ने सबूत मिटाने की कोशिश में बच्ची की हत्या कर दी थी. चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची का अपहरण , बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची समझी साजिश थी.
जम्मू कश्मीर सरकार ने इस मामले को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था जिसने गैंगरेप और हत्या मामलेे की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की थी. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने मामले में दो अलग - अलग आरोप पत्र दाखिल किये थे. एक 9 अप्रैल को 7 वयस्कों के खिलाफ और दूसरा 10 अप्रैल को नाबालिग के खिलाफ.
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