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उरी हमले के बाद भारतीय सेना की तरफ से पीओके की लीपा घाटी में हुई सर्जिकल स्ट्राइक बेहद निर्मम थी. आर्मी सूत्रों के हवाले से द क्विंट को मिली जानकारी के अनुसार, सर्जिकल स्ट्राइक की ड्रोन से ली गई तस्वीरों में यह साफ नजर आ रहा है.
आर्मी के एक सूत्र का कहना है कि आतंकी कैंपों और लॉन्च पैड को खत्म करने के अलावा 20 आतंकियों को भी सेना अपने साथ लाई है, लेकिन इस बारे में अभी तक आधिकारिक हवाले से कोई जानकारी नहीं मिली है.
पीओके की लीपा घाटी में चल रहे कम से कम 7 आतंकी कैंपों को खत्म करना था. श्रीनगर और नई दिल्ली के बेहद विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद सेना के टॉप ऑफिसर्स ने प्लान का पूरा खाका तैयार करने में बिल्कुल वक्त नहीं लिया.
सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पीओके के छोटे-छोटे आतंकी कैंपों के अलावा लीपा घाटी की कई जगहों को टारगेट पर लिया गया. पीओके की लीपा घाटी को आतंकियों के लिए 'सुरक्षित' जन्नत माना जाता है.
मिलिट्री सूत्रों ने बताया कि लीपा घाटी में सबसे ज्यादा आतंकी कैंपों को निशाना बनाए जाने की एक बड़ी वजह यह थी कि उनके पास न तो पाकिस्तानी आर्मी की सुरक्षा थी और न ही उनकी बीएटी (बैटेलियन एक्शन टीम) की. दोनों ही उस समय तालिबानी गुरिल्लों से लड़ने के पाक-अफगान फ्रंट पर थे.
लेकिन आर्मी सूत्रों की मानें, तो ड्रॉन के जरिए सर्जिकल स्ट्राइक की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे साफ नजर आता है कि पीओके में सैनिकों का आतंकियों के खिलाफ एक्शन बेहद कठोर था.
5 अक्टूबर को एक मोबाइल टावर पर पाकिस्तानी झंडा दिखा. यह जगह चौकीबल के सेना के बेस कैंप के बेहद नजदीक है. मराठा लाइट इन्फेंटरी (MLI) ऑफिसर ने बताया कि कुछ दिनों पहले भी लोकल लोगों ने विरोध के चलते एक पाकिस्तानी झंडा लगाया था, जिसे बाद में उतरवा दिया गया, इस झंडे को भी उतार लिया जाएगा.
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