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सीवोटर-आईएएनएस चुनावी सर्वे के हालिया परिणाम के अनुसार, नरेंद्र मोदी सरकार के प्रदर्शन से हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के मतदाता सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं, लेकिन सबसे ज्यादा असंतुष्टों की संख्या तमिलनाडु में है.
यह ध्यान देने की बात है कि राजस्थान राज्यों की सूची में सबसे शीर्ष पर है, जहां के लोग मोदी सरकार के प्रदर्शन से सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं. राजस्थान के लोगों ने दिसंबर 2018 में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए वोट किया था.
केंद्र सरकार की शुद्ध अनुमोदन रेटिंग सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश में, इसके बाद हरियाणा व छत्तीसगढ़ व ओडिशा में है. इस रेटिंग में 'बहुत ज्यादा संतुष्ट', 'कुछ हद तक संतुष्ट', 'बिल्कुल संतुष्ट नहीं' और 'कह नहीं सकते' जैसी प्रतिक्रियाएं शामिल हैं.
केंद्र सरकार से सबसे ज्यादा असंतुष्ट राज्यों में तमिलनाडु है, जहां 51.1 फीसदी उत्तरदाता 566 के सैंपल साइज में शामिल हैं. इन उत्तरदाताओं ने कहा वे खुश नहीं हैं. जनमत सर्वे का यह नतीजा बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि बीजेपी ने 2019 के आम चुनाव के लिए सत्तारूढ़ अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) से समझौता किया है.
असंतुष्टि का यह स्तर एक अन्य दक्षिणी राज्य वाम शासित केरल में ज्यादा है. केरल में 49.59 फीसदी उत्तरदाताओं ने 799 के सैंपल साइज में केंद्र से असंतुष्ट होने की बात कही. केंद्र के लिए उत्तर का अधिक नकारात्मकता वाला राज्य कांग्रेस शासित पंजाब है, जहां 44.38 फीसदी उत्तरदाताओं ने मोदी सरकार से पूरी तरह से असंतोष जताया.
नए क्षेत्रों में भाजपा ओडिशा में जीत हासिल करने में जुटी हुई है. ओडिशा में आठ अप्रैल को 63.73 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे मोदी सरकार से बहुत संतुष्ट हैं. यहां 420 के सैंपल साइज में सिर्फ 14.26 फीसदी ने कहा कि वे मोदी सरकार से संतुष्ट नहीं हैं.
जम्मू-कश्मीर में संतोष और असंतोष का स्तर ज्यादा है. यह क्षेत्रीय स्थितियों के अंतर को दिखाता है. 663 के सैंपल साइज में 47.6 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे केंद्र से बहुत संतुष्ट हैं, जबकि 30.22 फीसदी ने कहा कि वे संतुष्ट नहीं हैं.
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में 47.93 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे बहुत संतुष्ट हैं और 26.8 फीसदी ने कहा कि वे संतुष्ट नहीं हैं.
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