Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019एक थीं सुषमा- सुपरमॉम, प्रखर वक्ता, कुशल प्रशासक...वो सब थीं

एक थीं सुषमा- सुपरमॉम, प्रखर वक्ता, कुशल प्रशासक...वो सब थीं

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया
i
सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया
(फोटो: हरदीप सिंह/द क्विंट)

advertisement

पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का 6 अगस्त की रात 67 साल की उम्र में निधन हो गया. सुषमा की छवि ऐसी थी कि विपक्षी दल भी उनकी तारीफ करते थे. लोग उनकी भाषण कला को काफी पसंद करते थे. वह जब संसद में बोलती थीं तो लगभग हर सदस्य उन्हें गंभीरता से सुनता था.

साल 2016 में उनका गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था, ऐसे में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस बार का लोकसभा का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.

हालांकि निधन से कुछ घंटे पहले भी पार्टी और इसकी विचारधारा के प्रति सुषमा का लगाव साफ दिखा. उन्होंने आर्टिकल 370 को बेअसर बनाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर बधाई दी. यह ‘मृत्यु’ का आभास था या कुछ और कि उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘‘अपने जीवनकाल में मैं इस दिन को देखने का इंतजार कर रही थी.’’

इस ट्वीट के कुछ घंटे बाद ही हृदय गति रुक जाने से दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया. उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर देखी जा रही है. इसकी वजह यह है कि सुषमा ने अपने जीवन में बहुत कुछ ऐसा किया, जिसने लोगों के दिलों में उनकी एक ‘खास’ छवि बनाई.

भारत की दूसरी महिला विदेश मंत्री और 'सुपरमॉम'

साल 2014 में जब केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार बनी तो उसमें सुषमा स्वराज को विदेश मंत्री बनाया गया. वह इंदिरा गांधी के बाद देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री थीं. विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा ने जिस तरह से काम से किया, उसे शायद कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. दरअसल उन तक आसानी से पहुंचा जा सकता था.

उनकी छवि एक ऐसे विदेश मंत्री के रूप में बन गई थी जो सोशल मीडिया के जरिए सूचना मिलते ही विदेश में फंसे किसी भारतीय की मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं. इसी को देखकर अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने उन्हें ‘’सुपरमॉम ऑफ इंडिया’’ बताया था.

विदेश मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारत-पाक और भारत-चीन संबंधों सहित रणनीतिक रूप से संवेदनशील कई मुद्दों को भी देखा और बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई. भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध को दूर करने में उनकी भूमिका को भी हमेशा याद रख जाएगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सुषमा से जुड़ी कुछ खास बातें

  • सुषमा का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला कैंट में हुआ था. उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे.
  • सुषमा ने राजनीतिक विज्ञान में ग्रेजुएशन की थी. पंजाब यूनिवर्सिटी से LLB कोर्स करने वाली सुषमा ने सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी की थी.
  • राजनीति में उनका रुझान तब से बढ़ा था, जब वह 70 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुई थीं.
  • सुषमा की शादी 1975 में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल से हुई थी, जो 1990 से 1993 तक मिजोरम के राज्यपाल रहे. कौशल 1998 से 2004 तक संसद के सदस्य भी रहे.
  • चुनावी राजनीति में सुषमा की पारी साल 1977 में शुरू हुई थी, जब वह जनता पार्टी की सदस्य के तौर पर हरियाणा विधानसभा पहुंचीं. इसके बाद 25 साल की सुषमा हरियाणा सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनी थीं.
  • सुषमा 1984 में बीजेपी में शामिल हुई थीं.
  • वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनी थीं
  • साल 1996 में वह 13 दिन तक चली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री थीं. 1998 में वाजपेयी के फिर से सत्ता में आने के बाद स्वराज को फिर कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
  • सुषमा 2009 से 2014 तक लोकसभा में नेता विपक्ष भी रहीं
  • वह 7 बार संसद सदस्य के रूप में और 3 बार विधानसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं.
  • सुषमा के पास केंद्रीय मंत्रिमंडल में दूरसंचार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, संसदीय कार्य विभागों जैसी जिम्मेदारियां भी रहीं.

वो चुनाव...जिसमें हारकर भी सुषमा ने जीता था दिल

चुनौतियां स्वीकार करने को हमेशा तत्पर रहने वाली सुषमा ने 1999 के लोकसभा चुनाव में बेल्लारी सीट से तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से जुड़ने के लिए कन्नड़ भाषा तक सीखी थी. भले ही वह इस चुनाव में हार गई थीं, लेकिन कहा जाता है कि उनकी लगन से अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रभावित हुए थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 07 Aug 2019,09:14 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT