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NRC और NPR के लागू होने पर चल रही बहस के बीच वरुण ग्रोवर की 'कागज नहीं दिखाएंगे' कविता खूब चर्चा में है. लोग NRC के खिलाफ प्रदर्शन में इस कविता को गुनगुना रहे हैं. लेकिन अब स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने इसमें थोड़ा बदलाव कर दिया है.
योगेंद्र यादव ने ये बात 'We The People of India’ के बैनर तले रोहित वेमुला की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में कही. NRC और NPR के एक ही होने का दावा करते हुए यादव ने कहा, "किसी से कोई कागज दिखाने को नहीं कहा जाएगा लेकिन सर्वे करने वाला शख्स सब डिटेल की एंट्री करेगा. अगर किसी ने कोई सवाल उठाया या किसी को शक हुआ तो कागज मांगे जाएंगे. इसलिए NPR के विरोध में 'कागज में कुछ भी नहीं लिखवाएंगे' कहना ही सही है."
यादव ने बताया कि NPR का विरोध करने पर किसी भी शख्स को सरकार की वेलफेयर स्कीम से बाहर नहीं किया जाएगा. हालांकि जुर्माने का एक प्रावधान है.
देश में संशोधित नागरिकता कानून के वजूद में आने से पहले उसके खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है. लोग इस कानून को 'विभाजनकारी' बता रहे हैं, तो सरकार कह रही है कि इससे किसी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी. इस पर योगेंद्र यादव ने कहा है कि कानून अगर किसी की नागरिकता नहीं छीनता है तब भी खतरनाक है.
योगेंद्र यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार अब नागरिकता कानून वापस नहीं लेगी क्योंकि ये नोटिफाई किया जा चुका है और अब NPR भी शुरू हो गया है.
यादव का कहना है कि लोग भी अब वापस नहीं जा सकते क्योंकि ये भारत की आत्मा के लिए संघर्ष है.
योगेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में जीतने के लिए बेकरार है. उन्होंने कहा, "बीजेपी जानती है कि वो बंगाल में चुनाव उसे सांप्रदायिक बना कर ही जीत सकती है."
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