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आम आदमी पार्टी (AAP) अपने दिल्ली कोटे से स्वाति मालीवाल को राज्यसभा भेजने जा रही है. राज्यसभा के लिए नामित होने के बाद पिछले आठ सालों से दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष रहीं स्वाति मालीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
मालीवाल के अलावा मौजूदा राज्यसभा सांसद संजय सिंह और एनडी गुप्ता पर पार्टी ने अपना भरोसा बरकरार रखा है और दोनों को एकबार फिर पार्टी के कोटे पर राज्यसभा भेजने की तैयारी है.
आईए यहां आपको स्वाति मालीवाल की अबतक की जीवन और राजनीतिक यात्रा से वाकिफ कराते हैं- कैसे उन्होंने 22 साल की उम्र में HCL की नौकरी छोड़कर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया के NGO "परिवर्तन" में शामिल हुई थीं.
स्वाति मालीवाल को साल 2015 में दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. बतौर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष उन्होंने एसिड अटैक, यौन उत्पीड़न और महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों का समाधान निकालने के लिए पहल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आप ने एक प्रेस रिलीज में कहा है कि स्वाति मालीवाल महिलाओं के कल्याण और उनके अधिकारों के लिए किए गए उनके प्रयासों के चलते आज वो भारत में सामाजिक एक्टिविज्म के क्षेत्र में काम करने वाली प्रमुख चेहरा हैं.
स्वाति ने जुलाई 2015 में DCW अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था. स्वाति का कार्यकाल 2018 में समाप्त हो गया था लेकिन इसे अगले तीन वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया. मालीवाल इस पद पर पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति हैं. इससे पहले, वह सार्वजनिक शिकायतों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री की सलाहकार थीं.
मालीवाल, अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के "इंडियन अगेंस्ट करप्शन" आंदोलन में शामिल होने वाली सबसे कम उम्र की महिलाओं में से एक थीं. मालीवाल इस आंदोलन की एक मुख्य सदस्य भी थीं.
स्वाति मालीवाल की शादी AAP नेता नवीन जयहिंद से हुई थी, हालांकि फरवरी 2020 में उनका तलाक हो चुका है.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 15 अक्टूबर 1984 को जन्मी मालीवाल ने जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन से सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक की डिग्री हासिल की. इससे पहले उन्होंनें एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई की थी.
The Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, मालीवाल ने महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए 2013 में कुछ समय के लिए 'ग्रीनपीस इंडिया' के प्रचारक के रूप में कार्य किया.
इसके बाद साल 2014 में उन्होंने दिल्ली में विधायकों के साथ विकास सलाहकार के रूप में भी काम किया.
मालीवाल भारत में सत्ता के बढ़ते केंद्रीकरण की वकालत करने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं.
मालीवाल ने सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई अभियान भी चलाए हैं.
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