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“मेरे भाई ने हमारी आर्थिक स्थिति के कारण तीन साल पहले एक फूड डिलीवरी एक्जिक्यूटिव के रूप में काम करना शुरू किया." 23 वर्षीय मोहम्मद रिजवान के भाई मोहम्मद खाजा ने कहा कि उसने खर्च के बोझ से निपटने के लिए कॉलेज छोड़ दिया था. हैदराबाद (Hyderabad) में कथित तौर पर कस्टमर के कुत्ते से बचने की कोशिश में एक इमारत की तीसरी मंजिल से गिरने से रिजवान की मौत हो गई.
घटना 11 जनवरी को हैदराबाद के बंजारा हिल्स में लुंबिनी रॉक कास्टल में हुई थी, जब रिजवान एक कस्टमर को स्विगी (Swiggy) के लिए डिलीवरी करने गया था. 14 जनवरी को निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज हॉस्पिटल (NIMS) में रिजवान का निधन हो गया.
बंजारा हिल्स इंस्पेक्टर एम नरेंद्र ने द क्विंट से बात करते हुए कहा कि
रिजवान के भाई ने कहा कि उन्हें 11 जनवरी की रात 2 बजे घटना के बारे में पुलिस का फोन आया.
द क्विंट के पास मौजूद शिकायत की कॉपी में लिखा था कि जब रिजवान ने ऑर्डर देने के लिए दरवाजा खटखटाया, तो उसने एक जर्मन शेफर्ड कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनी, जो अचानक उसकी तरफ दौड़ा. इसके बाद डर के मारे वह भागने लगा और गलियारे की रेलिंग से फिसल गया, गिरने की वजह से उसके सिर में चोटें आई हैं.
इसके बाद फ्लैट की ओनर शोभना नागानी ने मोहम्मद रिजवान के इलाज के लिए एंबुलेंस से NIMS हॉस्पिटल भिजवाया. शिकायतकर्ता को संदेह है कि फ्लैट मालिक की लापरवाही के कारण यह घटना हुई क्योंकि उसने कुत्ते को ठीक से नहीं बांधा था.
Swiggy के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि हम एक युवा लड़के की असामयिक मौत के बारे में सुनकर दुखी हैं. हमारी टीम मृतक के परिवार के संपर्क में है.
रिजवान अपने पीछे अपने पिता और तीन भाई-बहनों को छोड़ गया है. उसके भाई मोहम्मद खाजा ने कहा कि हमारे पिता वेटर थे और उन्हें मधुमेह था. हमारी मां का पांच साल पहले निधन हो गया था. रिजवान पिता के साथ किराए के घर में रहता था और उनके इलाज और किराए का खर्च भी उठाता था.
उन्होंने कहा कि रिजवान एक प्राईवेट कॉलेज में बी.कॉम (ऑनर्स) कर रहा था लेकिन उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी और नौकरी करनी पड़ी क्योंकि बिल भरना मुश्किल हो रहा था. हमारे पिता उसके सबसे करीब थे, वह रोना बंद नहीं कर रहे हैं. मेरे भाई का एकमात्र उद्देश्य हमारे पिता की देखभाल करना और उन्हें गौरवान्वित करना था, जो उसने किया.
खाजा ने कहा कि रिजवान कभी जानवरों से नहीं डरता था. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कुत्ता अचानक उसकी ओर दौड़ा, अगर कोई चूहा भी अचानक दिखाई दे, तो कोई भी चौंक सकता है.
डिलीवरी की संख्या के आधार पर, रिजवान ने एक दिन में 400 रुपये से 700 रुपये कमाता था. खाजा ने कहा कि रिजवान आमतौर पर दोपहर से रात 10 बजे तक काम करता था.
मोहम्मद खाजा ने कहा कि परिवार को कंपनी से मुआवजा मिलने की उम्मीद है. घर में स्थिति बहुत खराब है, हम कुछ मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं, यह वास्तव में हमारे लिए मददगार होगा.
इस बीच, तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) के अध्यक्ष शैक सलाउद्दीन ने द क्विंट को बताया कि यह बहुत दुखद है. रिजवान हमले से बचने की कोशिश ही कर रहा था कि फिसल कर गिर गया. मैं कंपनी और कुत्ते के मालिक से कामगार मुआवजा अधिनियम के तहत परिवार को मुआवजा देने की अपील कर रहा हूं. इसके अलावा, पालतू जानवरों के मालिकों को अपने पालतू जानवरों को नियंत्रित करने या उन्हें पट्टे से बांधे रखना चाहिए. आपके सामने वाला व्यक्ति शायद यह नहीं जान पाएगा कि आपका कुत्ता फ्रेंडली है या नहीं.
द क्विंट ने जब फ्लैट की मालकिन शोभना से बयान लेने के लिए संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. अगर वह जवाब देती हैं तो स्टोरी अपडेट की जाएगी.
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