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दिल्ली हिंसा मामले में अब तक 1400 से ज्यादा लोग गिरफ्तार या हिरासत में लिए जा चुके हैं. वहीं 4 सौ से ज्यादा केस दर्ज हैं. इस हिंसा में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन भी आरोप बनाए गए हैं. उन पर आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का मामला दर्ज है. पुलिस ताहिर की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. लेकिन पुलिस के हाथ आने से पहले ही ताहिर हुसैन कोर्ट पहुंचे और अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी.
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में नागरिकता कानून के समर्थक और इसके विरोधी गुट आपस में भिड़ गए. जिसके बाद कई इलाकों में हिंसा की खबरें सामने आने लगीं. हिंसा के ठीक बाद उत्तर पूर्वी जिले के चांद बाग इलाके से इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की लाश मिली थी. अंकित शर्मा उत्तर पूर्वी दिल्ली में खजूरी खास इलाके निवासी थे और मंगलवार सुबह से ही लापता थे. उनके पिता रविंद्र शर्मा जो दिल्ली पुलिस में काम करते हैं, उनका आरोप है कि उनके बेटे अंकित की हत्या के पीछे AAP पार्षद ताहिर हुसैन है.
आरोप लगने के बाद ताहिर हुसैन ने अपनी सफाई में एक वीडियो भी जारी किया था. जिसमें उन्होंने कहा था, "जो भी खबर मेरे बारे में चलाई जा रही है वो सरासर गलत है. ये गंदी राजनीति के चलते मुझे बदनाम किया जा रहा है. परसों हमारे यहां भीड़ ऑफिस का दरवाजा तोड़कर छत पर चढ़ गई थी. इसके बाद मैंने पुलिस से मदद मांगी. कई घंटों के बाद यहां पुलिस फोर्स पहुंची. पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में मेरे घर की तलाशी ली गई. पुलिस ने ही हमें सुरक्षित रूप से बाहर निकाला. मैं हमेशा से सच्चा, अच्छा हिंदुस्तानी मुसलमान हूं. मैं हमेशा से हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के लिए काम करता रहा हूं.”
ताहिर हुसैन ने दावा किया था कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें घर से सुरक्षित बाहर निकाला था. लेकिन दिल्ली पुलिस की तरफ से इस बात को नकार दिया गया है. एडिशनल कमिश्नर ने कहा है कि 24-25 फरवरी की रात चांदबाग में ‘फंसे होने’ की शिकायत मिलने पर पुलिस हुसैन के घर पहुंची थी, लेकिन उन्हें रेस्क्यू नहीं किया गया था.
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