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#TalkingStalking एपिसोड 1 | ऐसे दें अपने स्टॉकर को मुंहतोड़ जवाब

स्टॉकिंग के खिलाफ आवाज उठाने का वक्त

गर्विता खैबरी
भारत
Updated:
स्टॉकिंग के खिलाफ लड़ाई में आपके साथ
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स्टॉकिंग के खिलाफ लड़ाई में आपके साथ
(फोटो: क्विंट)

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स्टॉकिंग को लेकर चुप्पी के माहौल को तोड़ने के लिए क्विंट एक खास अभियान चला रहा है जिसका नाम है- #TalkingStalking चुप्पी तोड़ो. ये पहले से चल रहे #TalkingStalking कैंपेन का ही एक हिस्सा है जिसके जरिए हम महिलाओं और पुरुषों को स्टॉकिंग के इर्द-गिर्द ठहरती चुप्पी को तोड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. चुप्पी तोड़ो की इस खास सीरीज में हम स्टॉकिंग से लड़ने वालों की बात सुनेंगे, उनके केस को समझेंगे और उनकी मदद की कोशिश भी करेंगे. स्टॉकिंग का सामना कर चुके लोगों की पहचान जाहिर नहीं होने दी जाएगी.

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सीरीज के इस पहले एपिसोड में, ऋचा अनिरुद्ध और यूपी के पूर्व डीजीपी ने स्टॉकिंग का सामना कर रही एक लड़की से बात की.

कहानी अनामिका की

अनामिका (बदला हुआ नाम) एक लड़के से मिलीं, बात की, दोस्ती हो गई. ये पांच साल पहले की बात है. उसके कुछ महीनों के भीतर ही उन्हें एहसास हुआ कि वो एक गलत फैसला था. अनामिका ने लड़के के साथ ब्रेकअप कर लिया. लेकिन उसने अनामिका की ‘न’ को माना नहीं.

जब अनामिका पुलिस के पास पहुंचीं तो उन्होंने केस फाइल करने से ही इनकार कर दिया. इसके लिए दलील ये दी गई कि स्टॉकर मुंबई का रहने वाला नहीं है. अनामिका की शिकायत को इलाके के झगड़े में बदल दिया गया. जिसका नतीजा ये हुआ कि अनामिका के परिवार तक को धमकी भरे कॉल और मैसेज आने लगे.

क्विंट ने उठाया मुद्दा

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने अनामिका को कानूनी पहलुओं की बारीक जानकारी देते हुए उनकी मदद की. क्विंट ने अपने तौर पर भी मुंबई पुलिस और महिला सेल से बात की ताकि अनामिका को मिलने वाली मदद में जो देरी हो रही थी उसे समझा जा सके.

हमारी कोशिशें रंग लाईं और पुलिस ने इस मुद्दे पर पड़ताल को आगे बढ़ाया. पुलिस के दखल के बाद अब अनामिका को उस स्टॉकर लड़के की कॉल और मैसेज से काफी हद तक निजात मिल पाई है.

स्टॉकिंग को बनाना है गैर-जमानती अपराध

क्या आप जानते हैं कि स्टॉकिंग एक जमानती अपराध है. जिसकी वजह से स्टॉकर, बिना किसी गहरी जांच-पड़ताल के जमानत पर छूट जाते हैं. इसका एक असर ये भी होता है कि स्टॉकिंग का सामना करने वाले लोगों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाता है जैसे एसिड अटैक, रेप या हत्या तक.

यही वजह है कि क्विंट ने वर्णिका कुंडू के साथ मिलकर change.org पर एक पिटीशन जारी की है. क्विंट इस पिटीशन के जरिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अपील करता है कि स्टॉकिंग को एक गैर-जमानती अपराध बनाने संबंधित कानून जल्द से जल्द लाया जाए.

हम सुनेंगे आपकी बात

अगर आपको स्टॉक किया जा रहा है, कोई आपका पीछा कर रहा है तो हमें बताइए. आप हमें ईमेल कर सकते हैं- talkingstalking@thequint.com या हमें मैसेज करें: +91 9999008335. आप हमें हर बुधवार शाम 5 से 6 के बीच कॉल करके ऋचा अनिरुद्ध से इस मुद्दे पर बात भी कर सकते हैं. हम सबको इस चुप्पी को तोड़ना होगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 09 Jan 2018,11:09 AM IST

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