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नागरिक संशोधन कानून (CAA) एक बार फिर विवाद का मुद्दा बन गया है और इस बार चुनावी राज्य तमिलनाडु में. AIADMK और DMK दोनों ने अपने घोषणापत्र में CAA को वापस लेने पर काम करने का वादा किया है. DMK तो हमेशा से इसके विरोध में रही थी लेकिन AIADMK का ऐसा चुनावी वादा करना उसकी सहयोगी बीजेपी को रास नहीं आया है. तमिलनाडु के बीजेपी नेताओं से लेकर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह इस पर बयान दे रहे हैं.
AIADMK ने 14 मार्च को अपना घोषणापत्र जारी किया और उसमें CAA वापस लेने की मांग उठाने की बात कही. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने केंद्र की बीजेपी सरकार की तरफ से AIADMK की इस मांग पर अपनी बात रखी है.
वीके सिंह ने कहा, "एक बार AIADMK हमारे साथ बैठेगी तो हम पता लगा लेंगे कि वो क्या सोच रहे हैं. एक बार सही से व्याख्या हो जाएगी तो चीजें ठीक हो जाएंगी."
बीजेपी महासचिव सीटी रवि ने CAA को तमिलनाडु में चुनावी मुद्दा बनाने पर 'गुस्सा' जाहिर किया है. रवि ने अपने बयान में DMK नेता एमके स्टालिन पर हमला बोला लेकिन राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि ये बयान AIADMK पर भी निशाना था.
तमिलनाडु में बीजेपी के आईटी विंग के अध्यक्ष सीटीआर निर्मल कुमार ने कहा कि AIADMK को इस मुद्दे को दोबारा नहीं उठाना चाहिए. कुमार ने कहा, "इस मामले पर केंद्र का स्टैंड जानने के बाद AIADMK को इस मुद्दे को नहीं उठाना चाहिए. ये हमारे लिए उलझन पैदा करेगा."
तमिलनाडु चुनाव से पहले AIADMK ने CAA का मुद्दा उठाया है लेकिन संसद में जब इसका बिल लाया गया था, तो पार्टी का रवैया कुछ और ही था.
जब बिल राज्यसभा में पेश किया गया था, तब 125 सांसदों ने इसके पक्ष और 99 ने विपक्ष में वोट किया था. AIADMK के 11 वोट इसे पास कराने में अहम साबित हुए थे. लोकसभा में पार्टी के इकलौते सांसद ओपी रवींद्रनाथ ने बिल के पक्ष में वोट किया था. रवींद्रनाथ डिप्टी सीएम पन्नीरसेल्वम के बेटे हैं.
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