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तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी (V Senthil Balaji) को नौकरी मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में बुधवार, 14 जून की रात गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी से पहले ED ने करीब 18 घंटे तक छापेमारी और पूछताछ की.
गिरफ्तारी के बाद सेंथिल फूट-फूटकर रोते दिखाई दिए और उनकी तबियत भी बिगड़ गई. फिलहाल वे ICU में भर्ती हैं. डॉक्टर्स ने उन्हें बाईपास सर्जरी की सलाह दी है. कांग्रेस ने उनकी गिरफ्तारी की निंदा की है, तो अरविंद केजरीवाल ने भी उनको अपना समर्थन दिया है.
बालाजी के पास फिलहाल बिजली के अलावा उत्पाद शुल्क और निषेध विभाग हैं. उन्हें पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है. 13 जून को चेन्नई और करूर में एक दर्जन स्थानों पर ED ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया. यहां तक कि राज्य सचिवालय में भी मंत्री के कमरे में तलाशी ली गई. इसके अलावा उनके अपने घर और चेन्नई में भाई अशोक के घर भी ED ने छापा मारा.
DMK सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उधयनिधि स्टालिन, स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यन और लोक कल्याण विभाग (PWD) मंत्री ई वी वेलू, कानून मंत्री एस रघुपति सहित कई लोग उनसे मिलने अस्पताल पहुंचने लगे, लेकिन कथित तौर पर उन्हें गिरफ्तार लोगों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई.
मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने अपने बयान में कहा कि राज्य मंत्री सेंथिल बालाजी की आज कोरोनरी एंजियोग्राम हुई और जल्द से जल्द बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई है.
मंत्री उदयनिधि ने कहा कि बालाजी की गिरफ्तारी में नियमों के उल्लंघन के खिलाफ डीएमके कानूनी कार्रवाई करेगी. इसके अलावा मंत्री शेखर बाबू ने कहा कि बालाजी बेहोश थे, उनके कानों के पास सूजन दिख रही थी और ईसीजी सामान्य नहीं था. उन्होंने कहा कि बालाजी आईसीयू में डॉक्टरों की देखरेख में हैं.
बालाजी की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने बयान जारी कर गिरफ्तारी की निंदा की है. कांग्रस के बयान में कहा गया कि ये मोदी सरकार की तरफ से विपक्ष के राजनीतिक उत्पीड़न और प्रतिशोध के अलावा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष में हममें से कोई भी इस तरह की बेशर्म चालों से भयभीत नहीं होगा.
इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने भी छापेमारी पर कहा कि,
यह मामला राज्य के परिवहन विभाग में नौकरी के बदले कैश घोटाले से जुड़ा है, जो कथित तौर पर 2011-16 में AIADMK सरकार में परिवहन मंत्री रहते बालाजी के कार्यकाल के दौरान हुआ था. मामले में चेन्नई पुलिस ने बालाजी और 46 अन्य लोगों के खिलाफ मार्च 2021 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चार्जशीट दायर की थी.
मई में, सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी के खिलाफ जांच का रास्ता साफ कर दिया था. 1 सितंबर, 2022 को मद्रास हाईकोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) मामले में भेजे गए ईडी समन को खारिज कर दिया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया.
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