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टाटा लिट फेस्ट: चॉम्स्की-प्रसाद का सेशन रद्द, "क्या यह सेंसरशिप"

सेशन में दुनिया के बड़े बुद्धिजीवियों में से एक चॉम्स्की की किताब पर बात होनी थी.

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नोऑम चॉम्स्की और विजय प्रसाद की बाचतीच रद्द
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नोऑम चॉम्स्की और विजय प्रसाद की बाचतीच रद्द
फोटो: ट्विटर

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दुनिया के जाने-माने बुद्धिजीवी नोऑम चॉम्स्की और विजय प्रसाद के बीच मुंबई के टाटा लिट फेस्ट में होने वाली बातचीत को रद्द कर दिया गया है. यह बातचीत चॉम्स्की की नई किताब "इंटनेशनलिज्म ऑर एक्सटिंक्शन" पर 20 नवंबर को रात 9 बजे होनी थी.

इस किताब में न्यूक्लियर युद्ध, क्लाइमेट चेंज और लोकतंत्र के क्षरण पर बात की गई है.

20 नवंबर को दोपहर को दोनों को ईमेल भेजकर उनके सेशन को रद्द किए जाने की सूचना दी गई. ईमेल में लिखा था, "मुझे आपको बताते हुए खेद हो रहा है कि अनदेखी वजहों के चलते हमें आपकी बातचीत रद्द करनी पड़ रही है."

इसके बाद चॉम्स्की और प्रसाद ने स्टेटमेंट जारी किए. स्टेटमेंट में सवाल उठाते हुए पूछा गया,

कुलीन लोग जो कहते हैं, उस पर गौर फरमाना चाहिए और बड़े औद्योगिक घरानों के स्वामित्व वाली मीडिया को उस पर पूरा ध्यान भी देना चाहिए. लेकिन जो इन कुलीन दायरों के बाहर हैं, उन्हें नजरंदाज कर देना चाहिए और उनकी बात नहीं सुनी जानी चाहिए! चूंकि हम नहीं जानते कि क्यों टाटा और मिस्टर धारकर ने हमारे सेशन को रद्द किया, तो हम बस केवल इतना पूछ सकते हैं कि क्या ऐसा सेंसरशिप के चलते हुआ है?

स्टेटमेंट में आगे कहा गया, "भारत के बारे में बात करें तो वहां लोकतंत्र का क्षरण एक गंभीर मुद्दा है. नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को पास किया जाना हो या फिर बड़ी मात्रा का पैसा, जिससे लाखों भारतीय मतदाताओं की आवाज को घोंट दिया गया, वह इसी क्षरण का उदाहरण है. अब जब भारत सरकार बेहद अस्थिर क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डॉयलॉग में ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के साथ हिस्सा ले रहा है, तब युद्ध का मुद्दा भी अहम हो जाता है."

चॉम्स्की और प्रसाद ने कहा कि लोगों को टाटा समूह से संबंधित कई तरह के विवादों के बारे में सूचित करना चाहिए.

बता दें नोऑम चॉम्स्की दुनिया के सबसे अग्रणी बुद्धिजीवियों में से एक हैं. उनका मुख्य काम जनसंचार और भाषा के क्षेत्र में रहा है.

वहीं जाने-माने बुद्धिजीवी विजय प्रसाद 20 से ज्यादा किताबों के लेखक हैं. वे पत्रकार, संपादक और इतिहासकार हैं. प्रसाद ट्राईकॉन्टिनेंटल: इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के निदेशक भी हैं.

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Published: 21 Nov 2020,12:59 PM IST

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