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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली संसद की नई बिल्डिंग का कॉन्ट्रैक्ट टाटा प्रोजेक्ट ने हासिल कर लिया है. नए संसद भवन निर्माण का ये प्रोजेक्ट कुल 861.90 करोड़ का है, जिसे हासिल करने के लिए कई बड़ी कंपनियों ने बिडिंग में हिस्सा लिया था. संसद भवन का निर्माण एक पूरे मास्टर प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा का हिस्सा है.
बता दें कि इस प्रोजेक्ट में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक का कुल तीन किलोमीटर हिस्सा शामिल है. हालांकि कोरोना काल में इस प्रोजेक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं. जिनमें कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट के तहत ग्रीन बेल्ट से छेड़छाड़ की जाएगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी.
इसके अलावा विपक्षी पार्टी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कोरोना काल में इस प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस दौरान हमें ‘फिजूलखर्ची’ से बचना चाहिए. सोनिया ने तब कहा था,
"मौजूदा स्थिति में विलासिता पर किया जाने वाला ये खर्च व्यर्थ है. मुझे विश्वास है कि संसद मौजूदा भवन से ही अपना पूरा कामकाज कर सकती है. नई संसद और उसके नए कार्यालयों के निर्माण की आज की आपातकालीन स्थिति में जरूरत नहीं. ऐसे संकट के समय में इस खर्च को टाला जा सकता है. इससे बचाई गई राशि का इस्तेमाल नए अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सुविधाओं के निर्माण, आगे आकर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (‘पीपीई’) और बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए किया जाए."
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