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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग केस में अपनी चार्जशीट दिल्ली कोर्ट में दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में आतंकी हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन समेत दस कश्मीरी नेताओं ने नाम शामिल हैं. इन सभी पर आतंक को बढ़ावा देने और कश्मीर घाटी में तनाव फैलाने के लिए फंडिंग करने का आरोप है.
जांच एजेंसी ने 12,794 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है. इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन पर भारत के खिलाफ षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया है. चार्जशीट में आरोपित किए गए लोगों के खिलाफ लोगों को पैसे देकर विद्रोह भड़काने और जम्मू-कश्मीर में आतंकी और अलगाववादियों को बढ़ावा देने का आरोप है.
एनआईए की चार्जशीट में लश्कर ए तैयबा चीफ हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सलाहुद्दीन के अलावा दस और लोगों के नाम भी हैं. इनमें हुर्रियत नेता सैयद शाह गिलानी के दामाद अलताफ अहमद शाह, गिलानी के पीए बशीर अहमद भट, आफताब अहमद शाह, ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीडिया एडवाइजर नईम अहमद खान, अलगाववादी नेता फारूक अहमद डार, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (आर) के चेयरमैन मोहम्मद अकबर खांडे, अलगाववादी नेता राजा मेहराजुद्दीन कलवल, तहरीक ए हुर्रियत के जहूर अहमद शाह वटल और दो पत्थरबाज कामरान यूसुफ और जावेद अहमद भट शामिल हैं.
एनआईए के मुताबिक, इस मामले में बीते साल 30 मई को केस दर्ज किया गया था. साथ ही इस मामले में पहली गिरफ्तारी बीते साल 24 जुलाई को हुई थी.
जांच एजेंसी के मुताबिक, तफ्तीश के दौरान अलग-अलग टीमों ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और दिल्ली में 60 से ज्यादा जगहों पर छापे मारे. इस कार्रवाई में जांच एजेंसी ने 950 से ज्यादा दस्तावेज और 600 से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद कीं. जांच के दौरान एनआईए ने 300 से ज्यादा गवाहों से पूछताछ की.
एजेंसी का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के लिए साजिशें रची जाती हैं और इसके लिए आरोपित किए गए लोग सक्रिय समर्थन करते हैं. एनआईए का कहना है कि जांच में पाया गया है कि कश्मीर में हिंसा और तनाव फैलाने और सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काने के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठन फंडिंग करते हैं.
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