Home News India आरुषि-हेमराज हत्याकांड: इलाहाबाद HC सुनाएगा फैसला, जानिए पूरा केस
आरुषि-हेमराज हत्याकांड: इलाहाबाद HC सुनाएगा फैसला, जानिए पूरा केस
नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट आज फैसला सुनाएगा.
कौशिकी कश्यप
भारत
Updated:
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आरुषि-हेमराज हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला
(फोटो: द क्विंट)
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देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि-हेमराज हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट 12 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा. जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की बेंच दोपहर दो बजे के बाद इस केस में फैसला सुनाएगी. इस मामले में आरोपी दंपती डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार ने सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद की ओर से उम्रकैद की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी.
12 अक्टूबर को कोर्ट ये तय कर सकती है कि आरुषि-हेमराज के हत्यारे कौन हैं? उनकी हत्या राजेश और नूपुर तलवार ने की या फिर वो बेकुसूर हैं.
आरुषि-हेमराज मर्डर मिस्ट्री
आरुषि-हेमराज की हत्या नोएडा के जलवायु विहार के एल-32 फ्लैट में 15 मई 2008 की रात की गई थी. आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार ने बेटी को जान से मारने का शक अपने नौकर पर जताते हुए पुलिस में हेमराज के नाम एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस हेमराज को खोज ही रही थी कि दो दिन बाद उसी फ्लैट की छत पर हेमराज की लाश बरामद हुई .
पहले नोएडा पुलिस और फिर सीबीआई की दो-दो टीमों ने इस केस की जांच की. मामले में सनसनीखेज मोड़ उस वक्त आया जब सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को सीबीआई कोर्ट ने राजेश और नूपुर के खिलाफ चार्जशीट में बदल दिया.
पेशे से डॉक्टर दंपती पर अपनी इकलौती संतान आरुषि (14 साल) के साथ अपने घरेलू नौकर हेमराज (45 साल) की हत्या करने और सबूत मिटाने के आरोप लगे. ये हत्याकाण्ड उस समय हुआ जब आरुषि के माता-पिता दोनों ही फ्लैट में मौजूद थे.
आरूषि के माता पिता डॉ. राजेश और नूपुर तलवार ही आरोपी बने. गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई शुरू की और आरुषि और हेमराज की हत्या में तलवार दंपत्ति को दोषी पाया. कोर्ट ने नवंबर 2013 में डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नूपुर तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई. फैसला सुनाए जाने के बाद तलवार दंपती को गाजियाबाद की डासना जिला जेल ले जाया गया.
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सीबीआई की दलीलें
वारदात की रात घर में सिर्फ चार लोग थे. आरुषि-हेमराज-राजेश और नूपुर तलवार. इन चार में से दो की हत्या हो गई और दो बच गए. सीबीआई ने कहा कि घर में किसी बाहरी शख्स के होने या आने के सबूत नहीं मिले हैं. इस आधार पर सीबीआई ने तलवार दंपती पर आरोप लगाया कि उन्होंने ही आरुषि-हेमराज की हत्या की और फिर घर से सबूत मिटाए.
आरुषि के कमरे से आवाज आने पर राजेश तलवार उठे और हेमराज के कमरे में गए. वहां हेमराज के नहीं होने पर वो आरुषि के कमरे में गए और दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख कर गॉल्फ स्टिक से उस पर वार किया. पहला वार हेमराज के सिर के पिछले हिस्से पर लगा, दूसरे हमले के दौरान गॉल्फ स्टिक आरुषि के सिर पर लगी.
गॉल्फ स्टिक के हमले से हेमराज की मौत होने के बाद राजेश और नूपुर तलवार उसकी लाश को चादर में लपेटकर घसीटते हुए छत पर ले गए.
आरुषि और हेमराज पर पहले गॉल्फ स्टिक से हमला किया गया और उसके बाद सर्जिकल ब्लेड से दोनों का गला रेत दिया गया.
हेमराज की लाश को छत पर रखने के बाद राजेश तलवार वापस फ्लैट में आए और सबूत मिटाने के दौरान उन्होंने लगातार शराब पी.
जानिए मिस्ट्री मर्डर केस में कब क्या हुआ?
16 मई 2008- पेशे से डेंटिस्ट राजेश तलवार की 14 साल की बेटी आरुषि और उनके घरेलू नौकर हेमराज की हत्या
17 मई 2008- छत से हेमराज की लाश बरामद
23 मई 2008- आरुषि के पिता राजेश तलवार गिरफ्तार
24 मई 2008- यूपी पुलिस ने राजेश तलवार को मुख्य अभियुक्त माना
29 मई 2008- तत्कालीन सीएम मायावती ने सीबीआई जांच की सिफारिश की
जून 2008- सीबीआई ने जांच शुरू कर एफआईआर दर्ज की
12 जुलाई 2008- सबूतों के अभाव में राजेश तलवार को रिहा किया गया
सितंबर 2008- सबूतों के अभाव में राजेश तलवार के सहायक और दो नौकरों को भी रिहा कर दिया गया
9 फरवरी 2009- तलवार दंपती पर हत्या का मुकदमा दर्ज
जनवरी 2010- राजेश और नूपुर के नार्को टेस्ट की इजाजत मिली
दिसंबर 2010- 30 महीने तक चली जांच के बाद सीबीआई ने अदालत को क्लोजर रिपोर्ट सौंपी
25 जनवरी 2011- नए सिरे से जांच की मांग को लेकर राजेश तलवार पर कोर्ट परिसर में हमला हुआ
12 अप्रैल 2011- नूपुर की जमानत पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया
6 जनवरी 2012- सुप्रीम कोर्ट ने तलवार दंपती पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया
30 अप्रैल 2012- नूपुर तलवार को भी गिरफ्तार किया गया
जून 2012- अदालत के निर्देश पर फिर से सुनवाई शुरू हुई
25 सितंबर 2012- नूपुर तलवार की रिहाई का आदेश जारी हुआ
24 अप्रैल 2013- सीबीआई ने राजेश तलवार पर हत्या का आरोप लगाया
11 जून 2013- गवाहों के बयान दर्ज होना शुरू
12 नवंबर 2013- मुकदमे की अंतिम सुनवाई पूरी हुई
25 नवंबर 2013- नूपुर और राजेश तलवार को अपनी बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या का दोषी करार दिया गया
26 नवंबर 2013- नूपुर और राजेश तलवार को सीबीआई कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा
21 जनवरी 2014- राजेश और नूपुर तलवार ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगाई अर्जी
19 मई 2014- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजेश और नूपुर को जमानत देने से इनकार किया
11 जनवरी 2017- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपति की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा
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