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कोरोना वायरस की दूसरी लहर का अब असर कम हो गया है. डेली केसों की संख्या तेजी से घट रही है. लेकिन अब तीसर लहर को लेकर चर्चा जारी है. तीसरी लहर कब आएगी?, कितनी घातक होगी?, किस उम्र के लोगों पर ज्यादा असर होगा?, सरकार को क्या करना चाहिए? इस पर चर्चा जारी है. बीते दिन देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया है कि तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी ही घातक हो सकती है और 98 दिनों तक चल सकती है. इसके अलावा साइंटिफिक एडवाइजर, स्वास्थ्य मंत्रालय, एक्सपर्ट पैनल ने भी कोरोना की तीसर लहर को लेकर बातें कहीं हैं, जो आपको जानना जरूरी हैं.
SBI ईकोरैप रिपोर्ट में दुनियाभर के अनुभवों के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर का असर दूसरी लहर से काफी अलग होगा. अगर सरकार बेहतर तरीके से तैयारी करती है तो लोगों की जान बचाई जा सकती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के टॉप देशों में तीसरी लहर औसतन 98 दिन तक चली है, वहीं दूसरी लहर में ये करीब 108 दिन चली थी. तीसरी लहर का पीक दूसरी लहर के मुकाबले 1.8 गुना ज्यादा होगा. वहीं दूसरी लहर का पीक पहली लहर के मुकाबले 5.2 गुना था. (भारत के लिए ये 4.2 गुना था)
प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ केवी विजय राघवन ने मई में कहा था कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर को नहीं रोका जा सकता क्यों कि वायरस तेजी से बदल रहा है. उन्होंने ये भी बताया था कि तीसरी लहर कब आएगी इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए. राघवन ने बताया था कि वायरस सर्वाइव करने के लिए अब और ज्यादा म्यूटेट कर सकता है इसलिए जरूरत है कि हमें वैज्ञानिक स्तर पर इससे बचने के लिए तैयार रहना चाहिए.
कोरोना वायरस की तीसरी लहर के अनुमान के बीच 22 मई को केंद्र सरकार ने कहा बच्चे इस वायरस से बच नहीं सकते हैं, उन्हें भी संक्रमण हो सकता है और वो भी दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं. डॉ पॉल ने कहा- 'कुछ तथ्य एकदम साफ हैं. बच्चों को कोरोना संक्रमण हो सकता है, वो बचे नहीं रह सकते. ये पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि बच्चों में संक्रमण तुलनात्मक रूप से कम होगा. दिसंबर-जनवरी के बीच किए गए सीरो सर्वे में पता चला है कि उम्रदराज लोगों और बच्चों दोनों में पॉजिटिविटी रेट बराबर है.'
एक्सपर्ट पैनल के सदस्यों का मानना है कि दूसरी लहर जुलाई तक खत्म हो सकती है और तीसरी लहर इसके 6 महीने बाद दस्तक दे सकती है. ये अनुमान 'सूत्र मॉडल' के तहत लगाया गया है. इस मॉडल पर काम करने वाले तीन लोग सरकार के एक्सपर्ट पैनल के सदस्य रह चुके हैं. इन्होंने कोरोना वायरस केस के डेटा पर गणितीय विधि के आधार पर अनुमान लगाया है.
मॉडल के मुताबिक तीसरी लहर आने में 6-8 महीने का वक्त लग सकता है और इसका असर ज्यादा नहीं होगा. प्रोफेसर अग्रवाल का कहना है कि- 'ये स्थानीय स्तर पर ज्यादा होगा और ज्यादातर लोग वैक्सीनेशन की वजह से इसकी जद में नहीं आएंगे. अक्टूबर 2021 तक थर्ड वेव नहीं आएगी. '
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