advertisement
कांग्रेस नेता और पंजाब में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के लिए बैचेनी भरा वक्त है. सुप्रीम कोर्ट में 30 साल पुराने रोड रेज का मामले पर सुनवाई चल रही है. आज बुधवार इस केस में फैसला आ सकता है. अगर फैसला सिद्धू के पक्ष में नहीं आता है तो उनके लिए आगे की राह काफी मुश्किल भरी होगी.
उस रात को हुए हादसे ने सिद्धू के लिए कई मुश्किलें खड़ी कर दीं और एक पल में उनकी जिंदगी बदल गई. कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने के बाद 1999 में सिद्धू को राहत मिली, जब सेशन कोर्ट ने केस को खत्म कर दिया. सबूतों के आभाव में इस केस को खत्म कर दिया गया था.
हालांकि 2002 में एक बार फिर सिद्धू के खिलाफ पंजाब और हरियाणा कोर्ट में अपील की गई. इस बीच 2004 में सिद्धू ने राजनीति में एंट्री मारी और अमृतसर से बीजेपी के सांसद चुने गए. 2006 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू और उनके दोस्त को दोषी मानते हुए 3 साल की सजा सुनाई.
जनवरी 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू की सजा पर रोक लगा दी.
गुरमान सिंह के बेटे और उनके साथ घटना पर मौजूद चश्मदीद सिद्धू की सजा बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
[क्विंट ने अपने कैफिटेरिया से प्लास्टिक प्लेट और चम्मच को पहले ही 'गुडबाय' कह दिया है. अपनी धरती की खातिर, 24 मार्च को 'अर्थ आवर' पर आप कौन-सा कदम उठाने जा रहे हैं? #GiveUp हैशटैग के साथ @TheQuint को टैग करते हुए अपनी बात हमें बताएं.]
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)