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अब देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति बालाजी ने निकाले 1300 कर्मचारी

देश का सबसे अमीर श्राइन है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम

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देश का सबसे अमीर श्राइन है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम
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देश का सबसे अमीर श्राइन है तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम
(फोटो: iStock)

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लॉकडाउन का असर देश के सबसे अमीर मंदिर पर भी पड़ा है. आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे 1300 कर्मचारियों को काम पर आने से मना कर दिया गया है. मंदिर प्रशासन ने लॉकडाउन का हवाला देते हुए कहा है कि काम रुका हुआ है और प्रशासन अब कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने में असमर्थ है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर का प्रबंधन देखने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया. बता दें कि पूरा देश लॉकडाउन में है. ऐसे में कई कंपनियों से भी कर्मचारियों को निकालने जाने की खबरें आ रही हैं.

मंदिर ट्रस्ट की तरफ से तीन गेस्टहाउस चलाए जाते हैं- विष्णु निवासम, श्रीनिवासममाधवम. निकाले गए ये सभी 1300 कर्मचारी इन्हीं गेस्ट हाउस के सैनिटेशन और हॉस्पिटेलिटी डिपार्टमेंट में पिछले कई सालों से काम कर रहे थे.

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट के प्रवक्ता टी रवि ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "कर्मचारी सप्लाई कराने वाली एजेंसी से कॉन्ट्रैक्ट 30 अप्रैल को खत्म हो गया था. आमतौर पर, उस एजेंसी को कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नए टेंडर दिए जाते थे, जो मैनपावर सप्लाई के लिए सबसे कम की बोली लगाती है. लॉकडाउन के कारण, TTD ट्रस्ट बोर्ड की बैठक नहीं हुई और टेंडर फाइनल नहीं हो पाया."

बोर्ड का कहना है कि 30 अप्रैल को आखिरी कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद से, सभी 1,300 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की सर्विस को भी 1 मई से बंद कर दिया गया है. रवि ने कहा, "सबकुछ कानून के मुताबिक हुआ है. इसके अलावा, इन कर्मचारियों के लिए अब कोई काम नहीं है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण, सभी गेस्ट हाउस बंद हैं."

मंदिर प्रशासन की तरफ से निकाले जाने के बाद इन कर्मचारियों ने तिरुपति में स्थित मंदिर के बोर्ड ट्रस्ट ऑफिस के सामने प्रदर्शन भी किया.

बता दें कि केंद्र सरकार ने सभी एम्प्लॉयर्स को ये निर्देश दिया है कि वो अपने कर्मचारियों को ना निकाले, खासकर उन्हें जो कॉन्ट्रैक्चुअल हैं, साथ ही सैलरी में भी कटौती ना करें.

फिलहाल, इस मंदिर को तीर्थयात्रियों के लिए 20 मार्च से ही बंद कर दिया गया है. लेकिन यहां मंदिर की परंपरा के अनुसार हर रोज पूजा-अर्चना हो रही है.

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Published: 02 May 2020,11:17 PM IST

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