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तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच हुई झड़प के दौरान दिल्ली पुलिस के जिस ASI पर वकीलों पर फायरिंग का आरोप लगा है, उसका नाम दिल्ली पुलिस के जाबांज और कर्मठ पुलिसकर्मियों में शुमार है. उसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. जिस ASI पर वकीलों पर फायरिंग करने का आरोप लगा है, उसे लोगों की जान बचाने के लिए दो बार असाधारण कार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ASI पवन कुमार फिलहाल, दिल्ली पुलिस की तीसरी बटालियन में तैनात हैं. उनके खिलाफ वकील पर गोली चलाने के आरोप में हत्या की कोशिश का केस दर्ज कराया गया है.
रिकॉर्ड्स के मुताबिक, पवन कुमार (46) को अब तक नौ प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं. कुमार ने साल 1994 में दिल्ली पुलिस ज्वॉइन की थी और उनकी पहली पोस्टिंग ईस्ट दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में हुई थी.
पहली बार साल 2000 में उन पर किसी सीनियर अफसर की नजर पड़ी थी, जब वह कल्याणपुरी पुलिस स्टेशन में तैनात थे और उन्होंने एक महिला की जान बचाई थी. ASI पवन कुमार ने हिंडन कैनाल में कूदकर आत्महत्या की कोशिश कर रही महिला की जान बचाई थी. कुमार को इस सराहनीय कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था.
साल 2004 में, कुमार की पोस्टिंग गीता कॉलोनी पुलिस स्टेशन में थी. उस दौरान उन्हें एक दिन फोन पर एक स्कूल में आग लगने की सूचना मिली. पवन कुमार वहां पहुंचे और उन्हें स्कूल में कुछ बच्चों और शिक्षकों के फंसे होने की जानकारी दी गई. इससे पहले कि फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचती, कुमार नेअपनी जान की परवाह न करते हुए आग की लपटों से घिरे स्कूल में फंसे 12 बच्चों और आठ शिक्षकों को सुरक्षित निकाल लिया.
ASI के साथी पुलिसकर्मी ने बताया कि उन्हें ईस्ट दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन के इलाके में तैनात रहने के दौरान आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने वाले 50 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है.
ट्रैफिक पुलिस में तैनात रहने के दौरान भी एएसआई पवन कुमार अपनी मुस्तैदी का परिचय दे चुके हैं. कुमार ने एक बार एक जालसाज को पकड़ा था, जो दिल्ली पुलिस के फर्जी कार्ड की मदद से सरकारी दफ्तरों में दाखिल हो जाता था. इसके अलावा ASI पवन कुमार नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के एक सनसनीखेज हॉरर किलिंग मामले के भी जांच अधिकारी रह चुके हैं.
रिकॉर्ड्स के मुताबिक, एएसआई पवन कुमार को अपने अब तक के कार्यकाल में कभी भी अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा है. लेकिन अब एएसआई पवन कुमार पर आरोप है कि उन्होंने तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प के दौरान वकीलों पर फायरिंग की. वकील लगातार एएसआई पवन कुमार की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच तीस हजारी कोर्ट परिसर में बीते 2 नवंबर को झड़प हुई थी. इस झड़प के दौरान एएसआई पवन कुमार भी घायल हो गए थे.
आरोपों का सामना कर रहे पुलिसकर्मी ने मामले की जांच कर रही एसआईटी को बताया है कि उसने उस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई थी, जिसने आईपीएस अफसर पर हमला बोल दिया था और वहां स्थिति अनियंत्रित हो गई थी. पुलिस ने घटना के दिन मौके पर मौजूद रहे लोगों से जानकारी या उस घटना से जुड़े वीडियो एसआईटी के साथ शेयर करने की अपील की है.
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