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भारत ने एक साथ 104 सैटेलाइट्स लॉन्च की हैं. इसके साथ ही भारत ने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने इन उपग्रहों को लॉन्च किया. इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया, जिसने एक साथ इतनी बड़ी संख्या में सैटेलाइट्स को लॉन्च की हैं. जून 2014 में रूस ने एक साथ 34 उपग्रहों को लॉन्च किया था, भारत भी जून 2015 में 23 उपग्रहों को एक साथ लॉन्च कर चुका है.
पीएसएलवी-सी 37, कार्टोसेट-2 सीरीज के इस सैटेलाइट मिशन की उलटी गिनती मंगलवार सुबह 5.28 बजे से ही शुरू कर दी गई थी. 28 घंटे बाद आज 9.28 मिनट पर उपग्रह लॉन्च किए गए.
मिशन में अमेरिका के 96 नैनो-सैटेलाइट शामिल हैं. इसके अलावा नीदरलैंड, इजरायल, कजाखस्तान,स्विट्जरलैंड और यूएई के 1-1 नैनो-सैटेलाइट को लॉन्च किया जाएगा. भारत के 2 नैनो-सैटलाइट और एक कार्टोसेट भी लॉन्च हुए.
एक साथ इतनी बड़ी संख्या में उपग्रहों को लॉन्च कर इसरो अपनी क्षमता को जांचना चाहता है, जिससे आने वाले समय में भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में नए आयाम बना सके. साथ ही इसके जरिए भेजी गई तस्वीरें कोस्टल एरिया में रोड ट्रैफिक, पानी के डिस्ट्रीब्यूशन, मैप रेग्युलेशन समेत कई कामों के लिए अहम होंगी. अब शुक्र और मंगल ग्रहों पर भी इसरो की नजर रहेगी.
भारत में सैटेलाइट्स की कमर्शियल लॉन्चिंग दुनिया में सबसे सस्ती पड़ती है. इतना ही नहीं, भारत के जरिए सैटेलाइट लॉन्च करना अमेरिका, चीन, जापान और यूरोप से करीब 66 गुना सस्ता पड़ता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, एंट्रिक्स (इसरो की कंपनी) ने इन सैटेलाइट्स के लिए 200 करोड़ रुपए की डील की है.
ग्लोबल सैटेलाइट मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है. अभी यह इंडस्ट्री 13 लाख करोड़ रुपये की है. इसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 41% की है. जबकि भारत की हिस्सेदारी 4% से भी कम है. विदेशी सैटेलाइट की लॉन्चिंग इसरो की कंपनी एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के जरिए होती है. इसरो सैटेलाइट लॉन्चिंग से अब तक 660 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर चुका है.
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