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'टूलकिट' मामले में आरोपी वकील निकिता जैकब को बॉम्बे से ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिल गई है. कोर्ट ने बुधवार, 17 फरवरी को जैकब को तीन हफ्तों के लिए राहत दी है. गिरफ्तारी होने पर 25 हजार के निची मुचलके पर उन्हें रिहा किया जाएगा.
कोर्ट ने कहा कि उनके लैपटॉप और मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया है और राहत के लिए दिल्ली जाने के लिए जैकब ट्रांजिट जमानत मांग रही हैं.
कोर्ट ने दूसरे आरोपी शांतनु मुलुक पर औरंगाबाद बेंच के आदेश को देखने के बाद फैसला सुनाया.
इस मामले में दूसरे आरोपी शांतनु मुलुक को 16 फरवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने ट्रांजिट बेल दी थी. बेंच ने संबंधित कोर्ट जाने के लिए 10 दिन का समय दिया है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया था कि तीन लोगों ने मिलकर टूलकिट को तैयार किया और दुनियाभर में फैलाने का काम किया. दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार हुईं क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के हवाले से बताया था कि निकिता जैकब और शांतनु भी इसमें शामिल हैं.
26 जनवरी को दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच के दौरान सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के समय टूलकिट मिला था. इस टूलकिट में किसान आंदोलन को लेकर एक प्रायर एक्शन प्लान नाम का सेक्शन था, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया था कि आंदोलन के दौरान क्या करना है.
इस टूलकिट को स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भी शेयर किया था. हालांकि बाद में उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर लिया था.
इस पर दिल्ली पुलिस ने 'टूलकिट' बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी को आईपीसी की धारा 124-ए, 120-ए और 153-ए के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने दिशा रवि को यह दस्तावेज बनाने और उसे शेयर करने की महत्वपूर्ण साजिशकर्ता बताया. बाद में इस मामले में निकिता और शांतनु का भी नाम सामने आया था.
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