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दिल्ली में जारी सीलिंग के विरोध में मंगलवार को पूरी दिल्ली में कारोबार बंद है. 2000 से ज्यादा व्यापारिक संगठनों के करीब सात लाख कारोबारी अपना कारोबार बंद रख कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आह्वान पर बंद में शामिल हुए हैं.
खास बात ये कि इस बंद का आम आदमी पार्टी समर्थन कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग हाथों में कटोरा लेकर मार्च निकालेगी. आपको बता दें कि इससे पहले रविवार को पार्टी कार्यलय में हुई आम आदमी पार्टी की मीटिंग में सांसद, विधायक पार्षद और संगठन के पदाधिकारियों से इसी मामले में चर्चा की थी.
वहीं, मीटिंग में ये भी तय हुआ है कि 23 जनवरी के बंद के समर्थन के बाद 29 जनवरी को व्यापारियों के साथ आम आदमी पार्टी विरोध स्वरूप संसद मार्च भी करेगी.
दिल्ली के कई इलाकों में अवैध निर्माण की शिकायतों के बाद 2005 में हाईकोर्ट ने एक्शन लेने के आदेश दिए थे. लेकिन एमसीडी के रवैये के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में अवैध निर्माण की सीलिंग करने के आदेश जारी किए. इसके बाद दुकानों या कमर्शियल प्रॉपर्टी को सीलिंग से बचाने के लिए सरकार ने कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया.
कारोबारियों ने ये चार्ज अदा करने में भी लापरवाही दिखाई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों या प्रॉपर्टी को सील करने का आदेश दिया और इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया. अब मॉनिटरिंग कमेटी की देखरेख में ऐसी दुकानों को सील किया जा रहा है, जिन्होंने कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराया है.
व्यापारियों की मांग है कि सरकार दिल्ली के व्यापार को सीलिंग से बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए . वहीं दूसरी तरफ 31 दिसंबर, 2017 तक दिल्ली में जहां है जैसा है के आधार पर एक एमनेस्टी स्कीम दी जाए.उनका यह भी कहना है कि लोकल शॉपिंग सेंटर्स कमर्शियल दरों पर दिए गए थे, इसलिए उनसे कन्वर्जन चार्ज लेना कहां तक उचित है ओर उनको सील किया जाना गलत है.
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